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Wednesday, September 1, 2010

जन्माष्टमी और पर्युषण पर्व की शुभकामनायें!

यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः।
तत्र श्रीर्विजयो भूतिः ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम॥



वृन्दावन में भगवान के चित्र लिये एक बालगोपाल

[Photo by Anurag Sharma - चित्र अनुराग शर्मा]

Friday, July 24, 2009

तमसो मा ज्योतिर्गमय - [इस्पात नगरी से - खंड १४]

.कल पटना के एक भारतीय मित्र से बात हो रही थी. हमेशा की तरह बात राजनीति की तरफ फिसल गयी और तब मित्र ने विश्वास से कहा कि जब उच्च-शिक्षित लोग राजनीति में आयेंगे तो देश का भला होगा. जब मैंने "उच्च शिक्षित" शब्द का अभिप्राय जानना चाहा तो उनका उत्तर था, "जैसे आई आई टी से पढ़े हुए इंजिनीयर आदि..."


अगर आज उन्हें आई आई टी कानपुर से पढ़े हुए इंजिनीयर नित्यानंद गोपालिका के बारे में पता लगता तो शायद काफी तकलीफ पहुँचती. पूर्णिया का यह तीस-वर्षीय नौजवान पेंसिलवेनिया राज्य विश्व विद्यालय के प्रांगण में रहता है और जीई में प्रतिष्टित पद पर है. इंटरनेट पर एक तेरह वर्षीय बालिका से मैत्री करके कई दिनों तक उससे वार्तालाप करता रहा.

यह जानते हुए भी कि बालिका नाबालिग़ है, गोपालिका ने उससे अश्लील वार्तालाप भी किये और वेबकैम पर अपने अमान्य चित्र भी भेजे. बाद में ऐसा लगा जैसे कि बालिका उसकी बातों में आ गयी और तब पहले से नियत समय पर वह बुरे इरादे से पिट्सबर्ग के एक उपनगर में आ पहुँचा.

मज़ा तब आया जब वहां उसे किसी बालिका की जगह चाइल्ड प्रीडेटर दल के पुलिस अधिकारी मिले जिनका काम ही उस जैसे लोगों को सही रास्ते पर पहुँचाना है. आज उसके मुक़दमे की पहली सुनवाई थी. ख़बरों से ऐसा लग रहा है कि अब तक ऐसे २६० अपराधियों को पकड़ने वाले दल ने पहली बार एक भारतीय नागरिक को गिरफ्तार किया है. मगर इसका मतलब यह नहीं है कि भारतीय नर बहुत भले हैं या फिर दूसरे भारतीय पकडे नहीं गए हैं. बस इतना है कि वे भारतीय अमरीकी नागरिकता ले चुके हैं.

कुछ लोग कह सकते हैं कि इस घटना में कोई भी अपराध हुआ नहीं मगर अपराधों के मूल में पाई जाने वाली पाशविक प्रवृत्ति तो उभरी ही, ज़रुरत है उसे नियंत्रण में करने की और मुझे खुशी है कि स्थानीय पुलिस ने यह कर्त्तव्य बखूबी निभाया.

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इस्पात नगरी से - पिछली कड़ियाँ
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[सभी चित्र अनुराग शर्मा द्वारा। हरेक चित्र पर क्लिक करके उसका बड़ा रूप देखा जा सकता है।]

Sunday, May 17, 2009

ड्रैगन नौका उत्सव - [इस्पात नगरी से - खंड १३]

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कहते हैं कि देवता उत्सव प्रिय होते हैं। जितने देवताओं को मैं जानता हूँ, वे सब तो इस कसौटी पर खरे ही उतारते हैं। अब शास्त्रों में लिखा है कि देवताओं जैसा बनने की कोशिश करनी है, सो हम भी किसी उत्सव में शरीक होने का कोई मौका नहीं छोड़ते। कल पिट्सबर्ग में नदी तीर पर होने वाला वार्षिक ड्रैगन नौका उत्सव था तो हम भी पहुँच गए अपनी ब्लॉग-नौका लेकर। सोचा थोड़ी जानकारी अपने ब्लॉग-परिवार तक भी पहुँचा दें कुछ शब्दों और चित्रों के माध्यम से।


उत्सव में भाग लेनेवाली एक ड्रैगन नौका


फिलिपिनो वसंत नृत्य का एक दृश्य


भारतीय बालिकाएं एक कश्मीरी लोकनृत्य के दौरान


समारोह के बाद नदी के किनारे बच्चियाँ

अगले अंक में बात करेंगे ग्लोबल वार्मिंग की और इस बात की कि ग्लोबल वार्मिंग का मुकाबला करने के लिए किस तरह से "बाजी शाकाहारी, बेल्जियम ने मारी"
और अंत में - आज हमारे वरिष्ठ कवि और ब्लोगर श्री सत्यनारायण शर्मा "कमल" जी की पत्नी की पुण्यतिथि है। हमारी संवेदनाएं उनके साथ हैं।

[इस शृंखला के सभी चित्र अनुराग शर्मा द्वारा लिए गए हैं. हरेक चित्र पर क्लिक करके उसका बड़ा रूप देखा जा सकता है.]==========================================
इस्पात नगरी से - अन्य कड़ियाँ
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