.
कहते हैं कि देवता उत्सव प्रिय होते हैं। जितने देवताओं को मैं जानता हूँ, वे सब तो इस कसौटी पर खरे ही उतारते हैं। अब शास्त्रों में लिखा है कि देवताओं जैसा बनने की कोशिश करनी है, सो हम भी किसी उत्सव में शरीक होने का कोई मौका नहीं छोड़ते। कल पिट्सबर्ग में नदी तीर पर होने वाला वार्षिक ड्रैगन नौका उत्सव था तो हम भी पहुँच गए अपनी ब्लॉग-नौका लेकर। सोचा थोड़ी जानकारी अपने ब्लॉग-परिवार तक भी पहुँचा दें कुछ शब्दों और चित्रों के माध्यम से।
उत्सव में भाग लेनेवाली एक ड्रैगन नौका
फिलिपिनो वसंत नृत्य का एक दृश्य
भारतीय बालिकाएं एक कश्मीरी लोकनृत्य के दौरान
समारोह के बाद नदी के किनारे बच्चियाँ
अगले अंक में बात करेंगे ग्लोबल वार्मिंग की और इस बात की कि ग्लोबल वार्मिंग का मुकाबला करने के लिए किस तरह से "बाजी शाकाहारी, बेल्जियम ने मारी"
और अंत में - आज हमारे वरिष्ठ कवि और ब्लोगर श्री सत्यनारायण शर्मा "कमल" जी की पत्नी की पुण्यतिथि है। हमारी संवेदनाएं उनके साथ हैं।
[इस शृंखला के सभी चित्र अनुराग शर्मा द्वारा लिए गए हैं. हरेक चित्र पर क्लिक करके उसका बड़ा रूप देखा जा सकता है.]==========================================
इस्पात नगरी से - अन्य कड़ियाँ
==========================================
चलिये आपके माध्यम से हम भी उत्सव का आनंद ले लेते हैं।
ReplyDeleteड्रेगन नौका उत्सव का सचि्त्र विवरण बहुत मनमोहक रहा. आगे् गलोबल वार्मिंग वाली पोस्ट का इंतजार रहेगा.
ReplyDeleteश्री सत्यनारायण शर्मा "कमल" जी की पत्नी की पुण्यतिथि पर हमारी संवेदनाएं भी पहुंचाने का कष्ट करियेगा.
रामराम.
नदी शानदार है, उसमें चलती नौका केरल की याद दिलाती है।
ReplyDeleteसही है आपने हमें भी उत्सव का मजा दिलवा दिया..आभार.
ReplyDeleteचित्र अच्छे लगे.
ReplyDeleteआपके साथ साथ हमने भी भरपूर मजा लिया उत्सव का.... चित्रों के साथ अच्छी प्रस्तुति है
ReplyDeleteअनुराग जी, यानि की आपने "देवत्व" की ओर कदम बढा दिया है..:)
ReplyDeleteबहुत बढिया पोस्ट......हमने भी आप के साथ साथ उत्सव का आनन्द ले ही लिया.
वाह सचित्र नौका विहार हो गया :-)
ReplyDeleteSamaroh me shamil na the to kya hua ,aapki report me madhaym se jhankiyan hamne bhi dekh li aur utsav ka aanand utha liya....aabhaar.
ReplyDeleteनयनाभिराम दृश्य हैं. बहुत अच्छी तरह से परिचित कराया पिट्सबर्ग से.
ReplyDeleteनयनाभिराम दृश्य हैं. बहुत अच्छी तरह से परिचित कराया पिट्सबर्ग से.
ReplyDeleteआदरणीय कमल जी के साथ हमारी सँवेदनाएँ भी शामिल हैँ अनुराग भाई -
ReplyDeleteचित्र सुँदर लगे -
ये पोस्ट आज ही देख पाई हूँ -
स स्नेह,
- लावण्या