Thursday, August 18, 2011

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की पुण्यतिथि

आज़ाद हिन्द फ़ौज़
द्वितीय विश्व युद्ध में ब्रिटेन और मित्र राष्ट्रों की विजय के बाद जापान से वायुमार्ग से रूस की ओर जाते हुए महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु 18 अगस्त, 1945 को ताईवान के ताईहोकू में एक विमान दुर्घटना में हुई। उस विमान दुर्घटना के बाद नेताजी का अंतिम संस्कार ताईहोकू में ही हुआ और उसके बाद उनकी अस्थियों को तोक्यो ले जाकर रेनकोजी मंदिर में ससम्मान सुरक्षित रखा गया। मुझे रेनकोजी मन्दिर की रज छूने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। इस बारे में कुछ जानकारी यहाँ है। हर वर्ष 18 अगस्त को इस मन्दिर में नेताजी के अस्थिकलश वाले कक्ष को श्रद्धांजलि के लिये खोला जाता है।


नेताजी जर्मनी में
समय-समय पर नेताजी को देखे जाने के दावे किये गये। अनेक लोगों का यह मानना है कि द्वितीय विश्व युद्ध में जापान और जर्मनी के साथ खडे होने के कारण उनकी पराजय के बाद नेताजी पर भी युद्ध अपराधों का मुकदमा चलने की काट के तौर पर जापान सरकार द्वारा उनकी झूठी मौत का नाटक रचा गया। अनेक कयासों के चलते भारत सरकार ने समय समय पर नेताजी की मृत्यु या कथित अज्ञातवास की सत्यता जाँचने के लिए तीन समितियां व आयोग गठित किये: शाहनवाज समिति, खोसला आयोग और जस्टिस मुखर्जी आयोग। शाहनवाज समिति और खोसला आयोग ने ताईहोकू विमान दुर्घटना में नेताजी के निधन को पूर्णरूप से सत्य माना जबकि जस्टिस मुखर्जी आयोग इस बारे में शंकित था।

मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा
नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक, उडीसा में प्रभावती और रायबहादुर जानकीनाथ बोस के घर हुआ था। फ़ॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना करने से पहले नेताजी ने स्वराज पार्टी और कॉंग्रेस में लम्बे समय तक काम किया और कॉंग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। अपने राजनीतिक जीवन में वे ग्यारह बार जेल गये और फिर अंग्रेज़ों को गच्चा देकर भारत से बाहर निकल गये।

उनके साथियों का कहना था कि आज़ाद हिन्द फ़ौज़ में काम करते हुए वे मानते थे कि वे भारत को अंग्रेज़ों से स्वतंत्र कराने में सफल होंगे और तब उन्हें अगर जापान व जर्मनी से लडना पडेगा तो वे लडेंगे। वे अपने साथ एक फ़िल्म रखते थे जिसे भारत वापस आने पर गांधीजी को दिखाना चाहते थे।

रेनकोजी मन्दिर का मुख्य द्वार
आज़ाद हिन्द फ़ौज़ की निर्वासित सरकार ने विदेशों में रह रहे भारतीय मूल के 18,000 लोगों के अतिरिक्त ब्रिटिश भारतीय सेना के 35,000 युद्धबन्दियों को स्वीकार किया, और अपनी करेन्सी व टिकट भी चलाये। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1944 में बर्मा-भारत के मोर्चे पर आज़ाद हिन्द फौज़ के सैनिकों ने जापानी सैनिकों के साथ मिलकर ब्रिटिश सेनाओं का सामना किया। उन्हीं दिनों नेताजी जापानी सैनिकों के साथ अंडमान भी आये थे।

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सम्बन्धित कड़ियाँ
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* नेताजी के दर्शन - तोक्यो के मन्दिर में
* तोक्यो के रेनकोजी मन्दिर का विडियो
* रेनकोजी मन्दिर के चित्र - तुषार जोशी
* नेताजी सुभाषचन्द्र बोस - विकीपीडिया
* Japan's unsung role in India's struggle for independence

28 comments:

  1. श्रद्धांजलि महानायक को।

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  2. आपके माध्‍यम से मेरी श्रध्‍दांजलि नेताजी को।

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  3. नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर बहुत महत्वपूर्ण जानकारी तथा ऐतिहातिक छायाचित्रों के लिए आभार.

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  4. नेताजी को नमन।

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  5. नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को नमन......

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  6. माँ के लाल को श्रधांजलि ...

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  7. मुहे लगता है कि यह नेताजी की पुण्यतिथि नहीं है| अपितु नेताजी के गायब होने के पीछे कोई तो रहस्य है| बर्मा सरकार ने भी इअसे किसी विमान हादसे से इनकार किया है| नेताजी के गायब होने में जापान का हाथ हो न हो, नेहरु की कंग्रेस का हाथ जरुर था|
    नेताजी के बलिदानों को यह देश सदैव याद रखेगा| ऐसे वीरों की कमी इस देश को सदा खलेगी|
    नेताजी को अमर श्रद्धांजलि...

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  8. नेता जी को शत-शत बार प्रणाम .शुक्रिया इतनी सार्थक पोस्ट हेतु .

    ब्लॉग पहेली no .१

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  9. सर आपकी उपरोक्त पोस्ट के संदर्भ में -
    कि अन्गेरेजों ने भारतीय नेताओं (प. नेहरु आदि ) को जब सशर्त सत्ता का हस्तांतरण किया था उसमें एक शर्त यह भी थी कि भारत सरकार को उन्हें ( नेता जी को ) जिन्दा या मुर्दा अन्गेरेजी हुकूमत के हवाले करना होगा ................यदि यह सुनी-सुनाई बात सही है तो जाहिर है उस बखत की भारत साकार नेता जी को लेकर अत्यधिक असमंजस या दबाव में रही होगी ...........? आंखिर आज तक क्यों नहीं सुलझ पाई नेता जी कि मृत्यु कि गुत्थी ? पुख्ता सबूतों के साथ इस सवाल का जवाब क्या कभी मिल पायेगा ? बहरहाल उपरोक्त जानकारी हेतु आपका बहुत आभार व्यक्त करता हूँ और नेता जी को शर्द्धा सुमन अर्पित करता हूँ दिल से.......................

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  10. आम जन के इस नेता को लाख - लाख नमन .....अब इनके जैसा कोई और नहीं होगा ...!

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  11. श्रद्धांजलि नेता जी को .
    मै उस बात से सहमत नही कि नेताजी किसी सन्धि के डर के कारण गुमनामी जीवन वय्तीत कर रहे है . अगर ऎसे कभी नेताजी मिले तो मै ऎसे नेताजी को स्वीकर नही कर सकुंगा

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  12. नेता जी को मेरी श्रधांजलि |
    देश के लिए उनके किये कामो को सभी को जानना चाहिए और उन्हें भारतीय इतिहास में वो स्थान मिलना चाहिए जिसके वो हक़दार है जो की उन्हें दिया नहीं गया |

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  13. लगता है अब नेता जी ने भारत में पुनः अवतार ले लिया है!
    --
    अन्ना जी को ताकत देना, लोकपाल को लाने की।
    आज जरूरत है जन-मन के सोये भाव जगाने की।।

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  14. अपनी ओजस्वी ,यशः काया में तो वे आज भी जीवित हैं -नमन!

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  15. भारत माता के इस सच्चे सपूत के अंत के बारे में कई बातें सुनने में आती हैं. पर जो भी हो इनका नाम सुनकर, पढकर हर भारतीय के सीने में देशभक्ति का जज्बा हिलोरे मारने लगता है.

    आपने जापान प्रवास के दौरान रेनकोजी मंदिर में अस्थि कलश के दर्शन किये, इससे बढकर भाग्यशाली बात क्या हो सकती है.

    नेताजी को विनम्र श्रद्धांजलि.

    रामराम.

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  16. नेताजी को समर्पित इस आलेख के लिए आभार।
    कांग्रेस की अंदरूनी वामपंथी विचारधारा के सशक्त
    स्तम्भ थे वो तथा नेहरु जी।

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  17. विनम्र श्रद्धांजलि ...... भारत माँ के वीर सिपाही को....

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  18. नेता जी की स्मृति को नमन॥

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  19. मैंने तो बंगाल में समय बिताया है और कमाल यह कि मेरा ऑफिस नेता जी के घर के समीप ही था.. नमन उस महानायक को!!

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  20. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज शनिवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।

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  21. आपको साधुवाद. नेताजी को श्रद्धांजलि.

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  22. आपके माध्‍यम से मेरी श्रध्‍दांजलि नेताजी को।

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  23. नेताजी को श्रद्धांजलि. इस प्रस्तुति के लिए आभार

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  24. @समय-समय पर नेताजी को देखे जाने के दावे किये गये।..
    सही कह रहे हैं,अभी भी कुछ भाई लोग यही दावा करते फिरते रहते हैं.
    बढ़िया पोस्ट .....इस महामानव को नमन .

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  25. तुम खून दो मै तुम्हे आजादी दूंगा - को पुकारने वाले इस महानायक को पुष्प भरी श्रधांजलि !

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  26. श्रद्धेय को नमन... कभी इस ब्लाग पर देखियेगा यदि आपकी नजरों में न आया हो जिसकी सम्भावना मुझे कम लगती है... http://nazehindsubhash.blogspot.com/ , मुझे यह जानकारी से परिपूर्ण लगा...

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