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आप लोग मेरी पोस्ट्स को ध्यान से पढते रहे हैं और अपनी विचारपूर्ण टिप्पणियों से उनका मूल्य बढाते रहे हैं इसका आभार व्यक्त करने के लिये आभार दिवस से बेहतर दिन क्या होगा।
घर के अन्दर तो ठंड का अहसास नहीं है मगर खिड़की के बाहर उड़ते बर्फ के तिनके अहसास दिला रहे हैं कि तापमान हिमांक से नीचे है। परसों आभार दिवस यानि थैंक्सगिविंग था, अमेरिका का एक बड़ा पारिवारिक मिलन का उत्सव। उसके बाद काला जुम्मा यानि ब्लैक फ़्राइडे गुज़र चुका है। बस अड्डे, हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन तो भीड़ से भरे हुए थे ही, अधिकांश राजपथ भी वर्ष का सर्वाधिक यातायात ढो रहे थे।
पहला थैक्सगिविंग सन 1621 में मनाया गया था जिसमें "इंग्लिश सैपरेटिस्ट चर्च" के यूरोपीय मूल के लोगों ने अमेरिकन मूल के 91 लोगों के साथ मिलकर भाग लिया था। थैंक्सगिविंग पर्व में आजकल का मुख्य आहार टर्की नामक विशाल पक्षी होता है परंतु किसी को भी यह निश्चित रूप से पता नहीं है कि 1621 के भोज में टर्की शामिल थी या नहीं। अक्टूबर 1777 में अमेरिका की सभी 13 कॉलोनियों ने मिलकर यह समारोह मनाया। 1789 में ज़ॉर्ज़ वाशिंगटन ने थैंक्सगिविंग को एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाने की घोषणा की परंतु तब इस बात का विरोध भी हुआ।
सारा जोसेफा हेल, बॉस्टन महिला पत्रिका और गोडी'ज़ लेडी'ज़ बुक के 40 वर्षीय अभियान के बाद अब्राहम लिंकन ने 1863 में आभार दिवस का आधुनिक रूप तय किया जिसमें नवम्बर के अंतिम गुरुवार को राष्ट्रीय पर्व और अवकाश माना गया। 1941 के बाद से नवम्बर मास का चौथा गुरुवार "आभार दिवस" बन गया।
दंतकथा है कि लिंकन के बेटे टैड के कहने पर टर्की को मारने के बजाय उसे राष्ट्रपति द्वारा क्षमादान देकर व्हाइट हाउस में पालतू रखा गया। ज़ोर्ज़ बुश के समय से राष्ट्रपति द्वारा क्षमादान की परम्परा को पुनरुज्जीवित किया गया और जीवनदान पायी यह टर्कीयाँ वर्जीनिया चिड़ियाघर और डिज़्नेलैंड में लैंड होती रही हैं। यह एक टर्की भाग्यशाली है परंतु इस साल के आभार दिवस के लिये मारी गयी साढे चार करोड टर्कियाँ इतनी भाग्यशाली नहीं थीं।
आभार दिवस के भोज के बाद लोगों को व्यायाम की आवश्यकता होती है और इसका इंतज़ाम देश के बडे चेन स्टोर करते हैं - साल की सबसे आकर्षक सेल के लिये अपने द्वार अलसुबह या अर्धरात्रि में खोलकर। इसे कहते हैं ब्लैक फ्राइडे! इन सेल आयोजनों में कभी कभी भगदड और दुर्घटनायें भी होती हैं। कुछ वर्ष पहले एक वालमार्ट कर्मी की मृत्यु भी हो गयी थी। इंटरनैट खरीदी का चलन आने के बाद से अब अगले सोमवार को साइबर मंडे सेल भी चल पडी हैं।
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इस्पात नगरी से - पिछली कड़ियाँ
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आप लोग मेरी पोस्ट्स को ध्यान से पढते रहे हैं और अपनी विचारपूर्ण टिप्पणियों से उनका मूल्य बढाते रहे हैं इसका आभार व्यक्त करने के लिये आभार दिवस से बेहतर दिन क्या होगा।
घर के अन्दर तो ठंड का अहसास नहीं है मगर खिड़की के बाहर उड़ते बर्फ के तिनके अहसास दिला रहे हैं कि तापमान हिमांक से नीचे है। परसों आभार दिवस यानि थैंक्सगिविंग था, अमेरिका का एक बड़ा पारिवारिक मिलन का उत्सव। उसके बाद काला जुम्मा यानि ब्लैक फ़्राइडे गुज़र चुका है। बस अड्डे, हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन तो भीड़ से भरे हुए थे ही, अधिकांश राजपथ भी वर्ष का सर्वाधिक यातायात ढो रहे थे।
पहला थैक्सगिविंग सन 1621 में मनाया गया था जिसमें "इंग्लिश सैपरेटिस्ट चर्च" के यूरोपीय मूल के लोगों ने अमेरिकन मूल के 91 लोगों के साथ मिलकर भाग लिया था। थैंक्सगिविंग पर्व में आजकल का मुख्य आहार टर्की नामक विशाल पक्षी होता है परंतु किसी को भी यह निश्चित रूप से पता नहीं है कि 1621 के भोज में टर्की शामिल थी या नहीं। अक्टूबर 1777 में अमेरिका की सभी 13 कॉलोनियों ने मिलकर यह समारोह मनाया। 1789 में ज़ॉर्ज़ वाशिंगटन ने थैंक्सगिविंग को एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाने की घोषणा की परंतु तब इस बात का विरोध भी हुआ।
सारा जोसेफा हेल, बॉस्टन महिला पत्रिका और गोडी'ज़ लेडी'ज़ बुक के 40 वर्षीय अभियान के बाद अब्राहम लिंकन ने 1863 में आभार दिवस का आधुनिक रूप तय किया जिसमें नवम्बर के अंतिम गुरुवार को राष्ट्रीय पर्व और अवकाश माना गया। 1941 के बाद से नवम्बर मास का चौथा गुरुवार "आभार दिवस" बन गया।
दंतकथा है कि लिंकन के बेटे टैड के कहने पर टर्की को मारने के बजाय उसे राष्ट्रपति द्वारा क्षमादान देकर व्हाइट हाउस में पालतू रखा गया। ज़ोर्ज़ बुश के समय से राष्ट्रपति द्वारा क्षमादान की परम्परा को पुनरुज्जीवित किया गया और जीवनदान पायी यह टर्कीयाँ वर्जीनिया चिड़ियाघर और डिज़्नेलैंड में लैंड होती रही हैं। यह एक टर्की भाग्यशाली है परंतु इस साल के आभार दिवस के लिये मारी गयी साढे चार करोड टर्कियाँ इतनी भाग्यशाली नहीं थीं।
आभार दिवस के भोज के बाद लोगों को व्यायाम की आवश्यकता होती है और इसका इंतज़ाम देश के बडे चेन स्टोर करते हैं - साल की सबसे आकर्षक सेल के लिये अपने द्वार अलसुबह या अर्धरात्रि में खोलकर। इसे कहते हैं ब्लैक फ्राइडे! इन सेल आयोजनों में कभी कभी भगदड और दुर्घटनायें भी होती हैं। कुछ वर्ष पहले एक वालमार्ट कर्मी की मृत्यु भी हो गयी थी। इंटरनैट खरीदी का चलन आने के बाद से अब अगले सोमवार को साइबर मंडे सेल भी चल पडी हैं।
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इस्पात नगरी से - पिछली कड़ियाँ
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बकरीद का ही दूसरा रूप है...
ReplyDeleteयह भी भारत मे वेलेन्टाइन की तरह आ जायेगा .
ReplyDeleteकोई जगह हो, कोई त्यौहार हो - कीमत मासूम ने ही चुकानी है, सॉरी निरीह ने ही चुकानी है।
ReplyDeleteकई सारे दिवस मनाये जाते विश्व भर में ..... चाहे आत्मीयता हो या ना हो.... हर विषय पर एक दिवस है.... बाकी तो मौसम कौन की बात बहुत सही लगी....
ReplyDeleteआभार !
ReplyDeleteअनुराग भाई,
ReplyDeleteकिसी स्मार्ट पाकिस्तानी ने आपका होम पेज कब्जे में कर लिया है ...कृपया ध्यान दें !
सतीश जी की बात पर स्पष्टीकरण की माँग करता हूँ।
ReplyDelete@गिरिजेश राव said...
ReplyDeleteसतीश जी की बात पर स्पष्टीकरण की माँग करता हूँ।
सतीश जी की बात का स्पष्टीकरण तो मुझे भी चाहिए.
आभार दिवस पहली दफंे सुुना ये नाम। अमेरिका की सभी 13 कालेानी ? बहुत कम कालोनी हैं वहां। यह भी विदित हुआ कि नवम्बर का आखिरी गुरुवार आभार दिवस के रुप में मनाया जाता है। भोज के बाद व्यायाम? सर ब्लेक फ्रायडे का नाम भी आज पहली बार ज्ञात हुआ है आभार
ReplyDeleteरोचक जानकारी इस उत्सव के बारे में।
ReplyDeleteजानकारी के लिए आभार
ReplyDelete... naye tyohaar/prayog hote/aate rahanaa chaahiye ... !!!
ReplyDeleteमुझे भी सतीश भाई के कमेन्ट के बारे में जानना है !
ReplyDelete@ श्रीवास्तव जी,
ReplyDelete13 कॉलोनियाँ उस ज़माने में थीं (मैने वर्ष ठीक कर दिया है) आजकल पचास राज्य हैं।
अच्छी जानकारी.. आपका आभार.
ReplyDeleteमूक प्राणियों को यूं मारकर खा जाने के मौक़े ढूंढना वाकई हम हिप्पोक्रेट ही कर सकते हैं जो हर समाज में समान रूप से विद्यमान हैं...
ReplyDeleteआपके धन्यवाद के लिए धन्यवाद :)
ReplyDeleteबेचारी टर्कीयाँ.
अच्छी जानकारी.. आपका आभार.
ReplyDeleteअलग अलग देश और अलग अलग परम्पराएं ...
ReplyDeleteअच्छी जानकारी दी है आपने ...
क्षमा चाहता हूँ गिरिजेश भाई !
ReplyDeleteस्मार्ट इंडियन की वेब साईट पर क्लिक किया था और जो पेज खुला वह इंग्लिश ब्लाग था और सामग्री स्टेट न्यूज़ आदि थी , चूंकि पहली बार इस वेब पेज पर गया था , कलेवर सरसरी नज़र से देख सोच लिया कि यह पेज अनुराग शर्मा का नहीं हो सकता और तात्कालिक प्रतिक्रिया...उम्र हो रही है लगता
बुड्ढा सा.. !
:-(
" धन्यवाद ज्ञापन दिवस " / Thanksgiving Day & Black Friday / Cyber Monday etc
ReplyDeleteपर लिख कर ,उत्तर अमेरीकी जीवन शैली के रीति रिवाज रस्मों की जानकारी ब्लोगरों के संग बाँट ने का शुक्रिया --
हम यहां रहते हैं उसका सही सही और विस्तृत चित्रण जरूरी है
आप इसी तरह के विषयों पर लिखा करें और कहानियां भी :) और भी जिस पर आप लिखना चाहें ...
मेरी शुभकामनाएं सदा आपके साथ हैं
सस्नेह,
- लावण्या
अच्छी जानकारी! धन्यवाद! :)
ReplyDeleteलगता है दुनिया के हर सभ्यता में पशु-पक्षी वध कहीं न कहीं किसी न किसी कर्मकांड में विद्यमान है.
ReplyDeleteजानकारी के लिए आभार.