एक भारतीय भारत के बाहर बस सकता है परंतु उस भारतीय के हृदय में एक भारत सदा बसता है। जब पिट्सबर्ग में एक भारतीय प्रदर्शनी लगे तो फिर सामान्य सी बात है कि पिट्सबर्ग के एक भारतीय का दिल फिर ज़ोर-ज़ोर से धड़केगा ही।
[प्रदर्शनी के सभी चित्र अनुराग शर्मा द्वारा :: India Beckons Exhibition pictures captured by Anurag Sharma]
नगर के एक मार्ग पर प्रदर्शनी का विज्ञापन |
कुछ जानकारी (क्या है, आप जानें, अंग्रेज़ी में है सो हमने पढी नहीं) |
अंत:पुर |
भारत हो तो सुघड़ भारतीय हाथी तो होगा ही |
यह बाग ही मुख्य प्रदर्शनी स्थल है |
भारतीय मसाले दुनिया भर में भोजन महकाते हैं |
एक भारतीय कुटिया |
तुलसी - पौधे और जानकारी |
भारतीय वनों से कई वृक्षों के जीवित नमूने वहाँ थे |
भारतीय शास्त्रीय नृत्य का क्या मुकाबला है? |
अच्छा, व्याघ्र अभी बाकी हैं! |
हर मर्ज़ की दवा, अमलतास की फली, न नीम का पेड़ |
औषधि कुटीर उद्योग |
भारत की एक ग्रामीण पगडंडी |
बोधिवृक्ष की जानकारी |
भारत है रंगोली है, उत्सव है तो होली है |
प्रदर्शनी स्थल के बाहर एक बैनर |
कमल तो भारतीय संस्कृति का प्रतीक है |
स्वागतम शुभ स्वागतम् |
मसाले की दुकान |
एक बाग का छोटा मॉडल |
कैक्टस भी हैं |
शीशे की कलाकृतियाँ |
कुछ और कलाकृतियाँ |
रेलवे व्यवस्था का एक छोटा सा मॉडल |
आपका दिन शुभ हो, फिर मिलेंगे, जय भारत! |
[प्रदर्शनी के सभी चित्र अनुराग शर्मा द्वारा :: India Beckons Exhibition pictures captured by Anurag Sharma]
सम्बन्धित कड़ियाँ* इस्पात नगरी से - श्रृंखला
भारत से बाहर भारत वहाँ तो दिखता ही है अब यहाँ भी कुछ ऐसा ही नज़ारा है.असली भारत अब प्रदर्शनियों तक में सिमट रहा है !
ReplyDelete...फिर भी इसी बहाने आपका दिल धडका,हमारा भी खून बढ़ गया !
पिट्सबर्ग का भारती, है गिट-पिट से दूर ।
ReplyDeleteकरे देश की आरती, देशभक्ति में चूर ।
देशभक्ति में चूर, सूंढ़ हाथी की शुभ-शुभ ।
पगडंडी तुलसी बाघ, कैक्टस जाती चुभ-चुभ ।
तश्तरी मसालेदार, बाग़ में सजी रंगोली ।
रेल कमल बुद्धत्व, गजब वो खेले होली ।।
दिनेश की टिप्पणी - आपका लिंक
http://dineshkidillagi.blogspot.in
औषधि तुलसी बाघ, कैक्टस जाती चुभ-चुभ ।
Deleteश्तरी मसालेदार, बाग़ में सजी रंगोली |
रविकर जी, आपकी आशुकविता कमाल की है। आभार!
Deleteवाकई....
Deleteरविकर जी की टिप्पणियां कमाल हैं..
जिसकी पोस्ट पर आयीं वहाँ धमाल है...
:-)
इस चित्र को देख लगता है की दूर देशो में रहने वाले कितने प्रसन्ना चित होते होगे !अजूबा सा लगता होगा ! भारतीय बड़े मन से शरीक करते होंगे ! बिबिधता में भी एकता झलकती होगी ! सुन्दर समाचार बधाई !
ReplyDeleteयह देखना रोचक है कि पिट्सबर्ग में कैसा भारत देखा-दिखाया जाता है.
ReplyDeleteभारत से बाहर भारत की प्रदर्शनी की सुंदर चित्रावली ! सभी चित्र आकर्षक हैं, आभार!
ReplyDeleteआह हा ..दिल बाग बाग हो गया ..आपका बहुत उपकार ये चित्र दिखाने का.वैसे ये इत्तेफाक ही है. कि भी हाल में मैंने भी भारत से बाहर भारत पर एक लेख लिखा है.और अब इस पोस्ट में प्रत्यक्ष रूप से वह दिख भी गया.
ReplyDeleteखुशी हुई जानकर, निश्चित तौर पर एक प्रवासी के लिए वाह एक गर्व और गौरवपूर्ण बात होती है !
ReplyDeletepost ki mohakta.....ko......kavi-var.....ravi-kar ne khoob sajaya hai
ReplyDelete..........
pranam.
भारत से बाहर इतने भारतीय दृश्य देखना अच्छा लग रहा है!
ReplyDeleteमसाले बस इतने ही थे ??:)
वाणी जी, मसाले और भी थे, चित्र भी और हैं परंतु पोस्ट को छोटा रखने के उद्देश्य से कई चित्र रखे नहीं हैं।
Deleteस्मृतियों को ताज़ा करने के अवसर होते है, फिर क्यों न कोई भारतीय दिल बाग बाग न हो?
ReplyDeleteयह बताईए भारतीय संस्कृति-सम्पदा से विदेशी-मूल के लोग किस तरह प्रतिक्रिया करते है?
सुज्ञ जी, विविधता के सम्मान की प्राचीन भारतीय परम्परा की ही तरह अनेकता का आदर अमेरिकी समाज में आम है। लोग अपने से इतर संस्कृतियों के बारे में जानने, समझने को आतुर हैं। भारत के बारे में जानकारी कम होते हुए भी एक विशेष सम्मान नज़र आता है। मुझे लगता है कि इस प्रकार के आयोजन होते रहने चाहिये।
Deleteअपने देश को विदेश के समारोह में देखकर आनंद आ गया.. चित्रों में यह सुंदरता और भी निखर गयी है.. एक उत्सुकता जगी चित्रों को देखकर.. एक चित्र में भारत के मानचित्र के ऊपरी हिस्से पर एक रक्तिम पट्टिका अंकित है.. उसका तात्पर्य क्या है???
ReplyDeleteसलिल जी,
Deleteउस चित्र में भारतीय ऊष्णकटिबन्धीय वनों की सीमायें चिन्हित करने के
साथ-साथ हिमालयी क्षेत्र व पश्चिमी घाट को रेखांकित किया गया है। पूरा
चित्र आप यहाँ देख सकते हैं:
http://3.bp.blogspot.com/-rZSuhWGMles/T1BX2yKIgwI/AAAAAAAABw0/-fX5WO_dESY/s1600/100_0190.JPG
अधिकांश कॉंटेंट भी इस चित्र में पढा जा सकता है।
कितना सुकून दिया होगा, आंखों को, भारत की इन झांकियों ने.
ReplyDeleteवाह ! भारत से बाहर भारत को देखना अत्यंत सुखदायी अनुभव रहा होगा ।
ReplyDeleteसुन्दर प्रदर्शनी ।
अजीब लगता है ये जानकर कि विदेश में इंडियन कैंप कैसे लगते होंगे, तस्वीरें अच्छी लगीं।
ReplyDeleteदेश के बाहर किसी भी भारतीय को ऐसे मौके देश की याद दिला देते हैं...... मनभावन पोस्ट
ReplyDeleteजय भारत, जय भारती।
ReplyDeleteभारत दर्शन वाया इस्पात नगरी ..........इस्पात नगरी से उपरोक्त सुंदर चित्रों को साझा करने हेतु आभार...............
ReplyDeleteजी, भारत का नाम भी आये तो काबुलीवाला का वही गीत याद आता है,
ReplyDelete"चूम लूँ मैं उस ज़ुबाँ को जिसपे आये तेरा नाम ... सबसे सुन्दर सुबह तेरी, सब से रंगीं तेरी शाम ..."
मुग्ध हूँ !
ReplyDeleteलग रहा था कि भारत का ही कोई ग्रामीण परिवेश हो...
ReplyDeleteहम तो भारत में हैं..विशुद्ध भारतीय...
ReplyDeleteफिर भी भारत को विदेश भ्रमण करते देख बड़ा अच्छा लगा...
जय भारत!!
वाह मजा आ गया। जय हो भारत माता की।
ReplyDeleteवाह, भारत के बाहर से भारत का दर्शन! आपका ब्लॉग है वह विंटेज बिंदु!
ReplyDeleteहम कितने भी खराब क्यों न हों अनुराग जी! फिर भी हम अच्छे हैं ...बहुत अच्छे हैं. इन चित्रों को देखकर मैं यहीं से भावुक हो रहा हूँ ...वहाँ के भारतीयों का क्या हाल होगा!सभी चित्र अच्छे लगे। पर इस ब्राह्मण को तो झोपडी वाला दृष्य ही अधिक भाया।
ReplyDeletenice clicks....
ReplyDeleteindia rocks!!!
:-)
आपकी नज़रों से भारत की धडकन आपके शहर देखना ... नया अनुभव ...
ReplyDeleteसुंदर तश्वीरों के साथ बढ़िया जानकारी देती पोस्ट।
ReplyDeleteकमाल है। यह पोस्ट मैं तत्काल ही क्यों नहीं देख पाया। चलिए। देर आयद दुरुस्त आयद। भारत को इस तरह देखना यकीनन रोमांचक ही होता होगा। चित्रों की दावत देने के मामले में और और सुब्रमनियनजी मानो प्रतियोगिता कर रहे हैं।
ReplyDeleteभारत आया है
ReplyDeleteमन भाया है
भारत दिखा
दिल खुश हुआ
कहते हैं यहाँ
मायके का
दिखे भी कहीं
अगर एक कुत्ता
सबसे सुंदर
उस समय वही
तो है होता !