क्या आप बता सकते हैं कि भारत का सबसे बड़ा पुष्प कौन सा होता है और कहाँ पाया जाता है?
जब तक आप उत्तर ढूंढें, संसार के सबसे बड़े पुष्प से पिट्सबर्ग में हुई मेरी संक्षिप्त मुलाक़ात से प्राप्त जानकारी यहाँ देख और पढ़ सकते हैं. आकार के मामले में संसार का सबसे बड़ा सुमन भारत के पूर्व में सुमात्रा द्वीप में प्राकृतिक रूप से बड़ी मात्रा में उगता है. प्याज लहसुन की तरह ही यह पौधा गाँठ/बल्ब से उगता है. स्वरुप भी लगभग वैसा ही है. फूल के पल्लवित होने पर उसमें से तीव्र दुर्गन्ध भी आती है ताकि मक्खी, भुनगे आदि आकर उसके परागण में सहायता करें. गाँठ वाले अधिकाँश पौधों की तरह ही अपना पल्लवन-चक्र पूरा होने के बाद यह पौधा सतह के ऊपर से फिर गायब हो जाता है, अगले चक्र के इंतज़ार में. इस दुस्सह दुर्गन्ध के कारण ही इस फूल को शव पुष्प (corpse flower) कहा जाता है.
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परिपक्व पौधे में बस एक ही पत्ती होती है |
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पौधे में पहला फूल आने में 8-10 साल लग जाते हैं |
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पित्त्स्बर्ग में खिलते पुष्प के मार्ग में मजाकिया सन्देश लगाने का प्रयास |
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शव पुष्प की ऊंचाई 8 से 20 फीट तक हो सकती है |
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सुमात्रा के बाहर पहली बार यह पुष्प लन्दन में 1889 में खिला और 1937 में पहली बार अमेरिका में. |
कहीं सुना था, "जिन लाहौर नहीं वेख्या ..." लेकिन प्रकृति के चमत्कार देखकर लगता है कि अपने संसार को लाहौर तक सीमित रखना शायद ठीक नहीं है. फ़िप्स कंजर्वेटरी, पिट्सबर्ग में इस साल "रोमेरो" नामक एक फूल के विकास के क्रम को एक स्टिल कैमरा द्वारा नियमित अंतराल पर लिए गए चित्रों से एक विडिओ क्लिप में गतिमान किया गया है जो कि यूट्यूब पर उपलब्ध है और मैंने भी यहाँ एम्बेड की है ताकि आप उसका आनंद ले सकें.
[आलेख व चित्र
अनुराग शर्मा द्वारा :: Photos by
Anurag Sharma]
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पहली बार मिली यह जानकारी ..... कमाल का पुष्प है
ReplyDeleteबढ़िया एवं रोचक जानकारी शव पुष्प के बारे में.....
ReplyDeleteकमाल का पुष्प है.
ReplyDeleteनई पोस्ट : अद्भुत कला है : बातिक
नयी जानकारी ..
ReplyDeleteआभार आपका !
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बुधवार (25-09-2013) टोपी बुर्के कीमती, सियासती उन्माद ; चर्चा मंच 1379... में "मयंक का कोना" पर भी है!
हिन्दी पखवाड़े की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
आभार शास्त्री जी।
Deleteआप की इस प्रविष्टि की चर्चा कल {बृहस्पतिवार} 26/09/2013 को "हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच}" पर.
ReplyDeleteआप भी पधारें, सादर ....राजीव कुमार झा
धन्यवाद राजीव जी!
Deleteपढ़ा था इस फूल के बारे में , प्रकृति अपने आप में एक अजूबा है !!
ReplyDeleteअदभुत जानकारी.
ReplyDeleteरामराम.
बेहतरीन.
ReplyDeleteजय जय जय घरवाली
शव पुष्प पहली बार पढ़ रही हूँ इसके बारे में
ReplyDeleteबढ़िया जानकारी दी है !
new information. thanks.
ReplyDeletenew information. thanks.
ReplyDeleteअच्छी जानकारी।
ReplyDeleteआपकी यह प्रस्तुति 26-09-2013 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
ReplyDeleteकृपया पधारें
धन्यवाद
शुक्रिया दिलबाग।
Deleteभारत में फूलों के प्रति ऐसा प्रेम संस्कृत साहित्य में दिखता है। शाकुन्तलम फूलों की प्रशंसा वाली सुंदर पंक्तियों से पुष्पित-पल्लवित हुआ है। दुर्भाग्य से यह सौंदर्य बोध आगे स्थगित हो गया, अब घरों में भी गमले कम ही नजर आते हैं। फूलों पर गीत भी सिनेमा में नहीं, गुलजार साहब के बाद कोई गीतकार ऐसा नहीं जो फूलों पर लिखे, हाँ मख्दूम ने जरूर एक गीत फूलों पर ही लिखा, ऐसे में मृत पुष्प को देखने अमेरिकन लोगों की इतनी बड़ी भीड़ से सुकून पहुँचता है कि दुनिया के किसी कोने में ही सही, फूलों के अस्तित्व को लेकर प्रशंसा बोध और सौंदर्यबोध तो है।
ReplyDeleteबड़ी ही रोचक जानकारी, इतनी देर में उगता और इतना दुर्गंधमय।
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ReplyDeleteवाह.. कैसा अद्भुत है प्रकृति का चमत्कार..बेहद रोचक पोस्ट..
इसके बारे में पहली बार सुना ,प्रकृति में ऐसी विचित्रताएं बहुत है ,खोजने की आवश्यकता है =बहुत बढ़िया जानकारी
ReplyDeleteनई पोस्ट साधू या शैतान
latest post कानून और दंड
वाकई अद्भुत रचना है ऊपर वाले की....
ReplyDeleteरोचक पोस्ट!!
सादर
अनु
बस नाम सुना था ....विस्तॄत आज ही पता चला ...
ReplyDeleteयह सूरन का फूल है जो पांचेक वर्षों में जाकर कहीं एक एक बार फूलता है !
ReplyDeleteहमने तस्लीम पर यह चित्र पहेली की थी -आश्चर्य है लोगों की याद्ददश्त इतनी कमजोर निकली
मेरा मतलब सूरन भी इसी श्रेणी में है
ReplyDeletehttps://www.google.com/search?q=flower+of+Elephant+foot+yam&client=gmail&rls=gm&source=lnms&tbm=isch&sa=X&ei=-FBIUtTcOc2XrAfkp4DwAQ&ved=0CAcQ_AUoAQ&biw=1024&bih=646&dpr=1
कमाल का फूल है ... फोटो में भी बहुत प्यारा लग रहा है ...
ReplyDeleteजानकारी आज ही मिली इस फूल की ...
अच्छी जानकारी दी आपने। प्रकृति की कितनी चीजें हमारे ईर्दगिर्द मौजूद रहती हैं, जिनके बारे में हमारी जि़ज्ञासा सीमीत रहती है।
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