कोई विरला ही होगा जो मुंशी प्रेमचंद का नाम न जानता हो। हिन्दी साहित्य जगत में वे एक चमकते सूर्य की तरह हैं। आवाज़ (हिन्दयुग्म) के सौजन्य से अब आप उनकी कालजयी रचनाओं को घर बैठे अपने कम्प्युटर पर सुन सकते हैं। आवाज़ की शृंखला सुनो कहानी में हर शनिवार को प्रेमचंद की एक नयी कहानी का पॉडकास्ट किया जाता है जिसे आप अपनी सुविधानुसार कभी भी सुन सकते हैं। इन कहानियों को को स्वर दिये हैं शोभा महेन्द्रू, शिवानी सिंह एवं अनुराग शर्मा ने।
अभी तक प्रकाशित कुछ ऑडियो कथाओं के लिंक यहाँ हैं:
* सुनो कहानी: प्रेमचंद की 'आख़िरी तोहफ़ा'
* कहानीः प्रेमचंद की कहानी 'पर्वत-यात्रा'
* प्रेमचंद की अमर कहानी "ईदगाह" ( ईद विशेषांक )
* कहानीः प्रेमचंद की कहानी 'अमृत' का पॉडकास्ट
* प्रेमचंद की कहानी 'अपनी करनी' का पॉडकास्ट
* कहानीः शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रेमचंद की कहानी 'प्रेरणा'
* प्रेमचंद की कहानी 'अनाथ लड़की' का पॉडकास्ट
* कहानीः प्रेमचंद की 'अंधेर'
* अन्य बहुत सी कहानियाँ
तो फ़िर देर किस बात की है? ऊपर दिए गए लिंक्स पर क्लिक करिए और आनंद उठाईये अपनी प्रिय रचनाओं का। अधिकाँश कहानियों को विभिन्न फॉर्मेट में डाउनलोड करने की सुविधा भी है ताकि आप बाद में उसे अपने कंप्युटर, आईपॉड या एम् पी थ्री प्लेयर द्वारा बार बार सुन सकें या CD बना सकें।
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* सुनो कहानी: प्रेमचंद की 'आख़िरी तोहफ़ा'
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* प्रेमचंद की अमर कहानी "ईदगाह" ( ईद विशेषांक )
* कहानीः प्रेमचंद की कहानी 'अमृत' का पॉडकास्ट
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तो फ़िर देर किस बात की है? ऊपर दिए गए लिंक्स पर क्लिक करिए और आनंद उठाईये अपनी प्रिय रचनाओं का। अधिकाँश कहानियों को विभिन्न फॉर्मेट में डाउनलोड करने की सुविधा भी है ताकि आप बाद में उसे अपने कंप्युटर, आईपॉड या एम् पी थ्री प्लेयर द्वारा बार बार सुन सकें या CD बना सकें।
आज दोपहर ही में मैं पता नही किस के ब्लॉग पर था, वहाँ से कुछ उलटा सीधा क्लिक हो गया और आवाज नामक ब्लॉग
ReplyDeleteसामने आया जो की किसी गलत क्लिकिंग की वजह से खुला था ! वहाँ आपका नाम देख कर "आखिरी तोहफा" का पोडकास्ट
सुना था ! बहुत ही बेहतरीन और दिलकश आवाज में आपने कहानी सुनाई ! कहानी का चयन तो बेहतरीन है ही ! पढने के समय , आवाज के उतार चढाव का जो आपने ध्यान रखा है उससे लगता है की आप इस क्षेत्र के प्रोफेशनल हैं ! बहुत शुभकामनाए ! आज ही आवाज का लिंक फिट करवाता हूँ !
वाह । आपने तो खजाना थमा दिया । सहेज कर रखूंगा और अपनी सुविधा से इन सबका आनन्द लूंगा । धन्यवाद ।
ReplyDeleteअनुराग जी
ReplyDeleteआप बहुत बढ़िया काम कर रहे हैं. प्रेमचंद जी की अमर कहानियो का तोहफा प्रदान कर रहे हैं. सुनकर बहुत आनंद आया. आभार.
मैंने तो पहले ही आपकी आवाज में सारी कहानियॉं सुनी है और सेव कर के रख भी ली है, ये सोचकर कि कभी अपने बेटे को सुनवाउँगा, जब वो कुछ बड़ा हो जाएगा। लंबी कहानियॉं, करीब 20 मिनट से जो उपर होती हैं, वे ज्यादा धैर्य की मांग करती हैं, पूरे एक लेक्चर की तरह, चूँकि कॉलेज में पढाने का अनुभव है, इसलिए मुझे लगता है कि कुछ छोटी कहानियॉं भी रिकार्ड करें। बाकी, संकलन के लिहाज से आपका योगदान अमूल्य है। शुक्रिया।
ReplyDeleteमुझे यह जखीरा अनायास हाथ लगा। और मन की ट्यूब लाइट भक्क से जलने लगी है।
ReplyDeletebahut bahut dhanyavaad
ReplyDeleteइस बेहतर प्रयास के लिए बधाई स्वीकारें।प्रेमचन्द जी को पढना इस तरह लगता है जैसे हम अपने खेत के मेढ मे,गावं की गलियो मे,चौपाल के चर्चा मे समाजिक बिसंगति और रूढिवादिता से लड रहे है। कई दशक पूर्व के ग्राम्य समाज को जानना हो तो प्रेमचन्द जी की रचनाएं पर्याप्त है।
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद यह तो मेरे मार्ग दर्शक है, बचपन से ही मै, मुंशी प्रेम चन्द जी का दिवाना हूं.
ReplyDeleteधन्यवाद इस तोफ़ेह के लिये
बहुत आभार अनुराग भाई आपका व अन्य साथियोँ का ...
ReplyDeleteआप की एक इक बात तारीफ़ के काबिल है
ReplyDeleteदिल की बीमारी पढने आपको आमंत्रण है
aapki email mil gai thi
ReplyDeleteabhi utube ya vedeo taiyaar nahi hai
hote hi bhijwaunga
katha samrat MUNSHI PREMCHAND mere sarwadhik priya lekhak rahe hain unhe samagra pada hai ab sununga bhi
aapka shukriya
aapka bahut dhnyawad..aapka yogdan nischay hi sarahniye hai.bahut dhnyawad anurag jee
ReplyDeleteBadai, bahut madhur awaz aur bhavpurn kahani
ReplyDeletebahut sunder
ReplyDeleteइतनी उम्दा कहानियों का संग्रह एक जगह देने के लिए आभार आपका ! आपका पोडकास्ट बहुत सुंदर लगा !
ReplyDeleteइन उपयोगी कडियों को एक साथ प्रस्तुत करने का शुक्रिया।
ReplyDeleteबहुत धन्यवाद, इस कार्य, सोच और सबसे बढ़कर सुलभता हेतु.
ReplyDeleteइस तरह की सोच लिए आप सफल होते रहे.