पिछ्ला हफ्ता काफी व्यस्त रहा इसलिए न तो कुछ नया लिखा गया और न ही ज़्यादा कुछ पढ़ सका। डैलस की भीषण गरमी में अपने मित्रों के साथ थोडा समय आराम से गुज़ारा। यात्रा काफी विविध रही। पर्यटन, नौकायन, काव्य-पाठ, मन्दिर-यात्रा आदि भी हुआ और जमकर भारतीय भोज्य-पदार्थों का स्वाद उठाने का आनंद भी लिया। यात्रा के कुछ चित्र आपके लिए प्रस्तुत हैं।
ग्रैंड प्रेयरी के वैक्स संग्रहालय की एक झलक
नीलेश और डॉक्टर फिल
यात्रा की बहुत बहुत मुबारक बहुत सुन्दर तस्वीरें हैं और ापनी झाँसी की रानी को हमारा सलाम कहें शुभकामनायें
ReplyDeleteवाह चित्र देखकर तो मन मयुर नाच उठा और आप्तीनों को देख कर अति प्रसन्नता हुई. बहुत शुभकामनाएं.
ReplyDeleteअबकि बार गैप लंबा होगया जरा.
रामराम.
यंहा तो घूमने-फ़िरने का मौका ही नही मिल रहा है।बढिया है घूमते-फ़िरते रहना चाहिये।
ReplyDeleteअनुराग जी आप झंसी के हैं क्या?
ReplyDeleteचित्रों के माध्यम बढ़िया पोस्ट लगाई है।
बधाई!
Rochak evam gyaanvardhak.
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
लिजिये, हम भी तो १५ को बरसाना धाम में ही जन्माष्टमि मना कर लौटे हैं. :)
ReplyDeleteवाह.... पहली बार आप दम्पति (साथ में शायद बिटिया रानी हैं...नहीं?) के तस्वीर देखने को मिली...बड़ा ही अच्छा लगा...आभार.
ReplyDeleteनयनाभिराम चित्र...वाह...हमने भी डैलस की यात्रा आपके साथ कर ली...मोर तो अति सुन्दर लगे...
ReplyDeleteनीरज
झांसी के राजा को नमस्कार.
ReplyDeleteबढिया चित्र. ये हुई ना कोई बात.
बहुत सुंदर चलिये इसी बहाने हमआप के परिवार से मिल लिये
ReplyDeleteजय हो झांसी की रानी की!
ReplyDeleteऔर ये संग्रहालय तो भुतहा सा लगता है!
डलास में भीषण ग़र्मी ? हम तो सोचते थे कि हमारे यहाँ ही भीषण गर्मी पड़ती है ।
ReplyDeleteतस्वीरें अच्छी हैं। और आपकी सगी पत्नी भी। पुत्री साथ में नहीं है। हम डैडी डाटर टाक नहीं कर सकते तो क्या काका बिटिया संवाद तो आता है।
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