(अनुराग शर्मा)
नज़र अपनी-अपनी ख्याल अपना अपना
हकीकत वही है ख्वाब अपना अपना
अगर दिल की मंज़िल के संकरे हैं रस्ते
मुहब्बत है पक्की हिसाब अपना अपना
गिरा के दीवारें जलाया मकाँ जो
मुड़ मुड़ के देखा लगा अपना अपना
सुर्खी हिना की महावर की लाली
लहू से निखारें शबाब अपना अपना
जीवन है नश्वर टिकेगा ये कब तक
सवाल इक वही है जवाब अपना अपना