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जो करते थे सारे
ज़माने की बातें
वो करते हैं अब
दिल दुखाने की बातें
मेरे साथ होते जो
थकते नहीं थे
वो करते कभी अब
न आने की बातें
है सब कुछ हमारा
था जिनका यह दावा
वो करते हैं सब कुछ
छिपाने की बातें
ग़मे दिल को अपने
मना लूंगा आख़िर
मैं कैसे भुलाऊँ
ज़माने की बातें।
bahut achhi kavita aur bahut achhi kahani padhi hai. anurag ji badhayi
ReplyDeleteहै सब कुछ हमारा
ReplyDeleteथा जिनका यह दावा
वो करते हैं सब कुछ
छिपाने की बातें.... क्या खूब लिखा है आपने .
मेरे साथ होते जो
ReplyDeleteथकते नहीं थे
वो करते कभी अब
न आने की बातें
बहूत खूब भाई...बहुत संवेदनशील रचना...
नीरज
मैं कैसे भुलाऊँ
ReplyDeleteज़माने की बातें।
बहुत गहन अभिव्यक्ति ! भाव मुखरित हो उठे हैं ! शुभकामनाएं !
कहानी का सुंदर प्रवाह है ! आनद आया ! इसके लिए भी आपको धन्यवाद !
एक बार भारत सरकार से फिर से पुराना सवाल -"भारतीयों द्वारा स्विस बैंकों में छुपाये गए काले धन के बारे में किस दिन भारत सरकार स्विस सरकार से सूचना लेकर उसे सार्वजनिक करेगी?"
ReplyDeleteवक्त ने बदल डाला सब कुछ... पर भूलती नहीं जमाने की बातें ! बहुत बढ़िया.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर !
ReplyDeleteघुघूती बासूती
बहुत सुंदर है अनुराग भाई. बहुत ही बढ़िया ...वाह ! बेसाख्ता जुबां पे आ गया :
ReplyDelete............ ......
तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ ..
सुंदर भाव कविता।
ReplyDeleteबहुत बढिया.
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर लगी आप की यह सुंदर कविता, एक एक शव्द मायेने रखता है.
ReplyDeleteधन्यवाद
कम शब्दों में पूरी बात । बहुत सुन्दर ।
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति। जितने तरल भाव, उतनी ही तरल भाषा।
ReplyDeleteवाहवा बंधु सुंदर रचना के लिये बधाई स्वीकारें
ReplyDeleteकम शब्दों में सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteहै सब कुछ हमारा
ReplyDeleteथा जिनका यह दावा
वो करते हैं सब कुछ
छिपाने की बातें..kyu hota hai aisey!!kavitaa bahut munbhaayii
आपकी कविता मैं छोटी छोटी लाइनों मैं बहुत गंभीर भाव भरा होता है बहुत सुंदर प्रस्तुति
ReplyDeletebahut sundar geet hai.badhaai
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गीत है\बधाई।
ReplyDeleteलघु किन्तु संपूर्ण बात,,, बहुत उम्दा!!
ReplyDelete"ग़मे दिल को अपने
ReplyDeleteमना लूंगा आख़िर
मैं कैसे भुलाऊँ
ज़माने की बातें।"
वाह ! बहुत हि सुन्दर एव् गहन अभिव्यक्ति.
शुभकामनाए.....
आपको पहली बार पढ़ रहा हूं और सच मानिये एक बार को तो जान ही लेली आपने बहुत ही कातिलाना अंदाज़ में ज़माने की बातें कहे गए आप :::))))...............
ReplyDeleteबहुत ही अच्छा लिखा है ..........
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है आने के लिए
आप
๑۩۞۩๑वन्दना
शब्दों की๑۩۞۩๑
सब कुछ हो गया और कुछ भी नही !! इस पर क्लिक कीजिए
मेरी शुभकामनाये आपकी भावनाओं को आपको और आपके परिवार को
आभार...अक्षय-मन
खूबसूरत गजल है, बधाई।
ReplyDeleteबहुत बढिया प्रस्तुति
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति!
ReplyDeleteदेर से आया ....कविता सुंदर है !
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