Tuesday, July 26, 2011

यूँ ही एक कामना - कविता

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ये जहाँ खुशगवार यूँ ही रहे
हर खुशी बरक़रार यूँ ही रहे

वो हँसी बार-बार यूँ ही रहे
ये खुशी बस उधार यूँ ही रहे

उसके दिल में बहार यूँ ही रहे
अपना उजडा मज़ार यूँ ही रहे

छलका ये अबशार यूँ ही रहे
नैन मदिरा की धार यूँ ही रहे

साँसों का ये खुमार यूँ ही रहे
मेरा दिल बेक़रार यूँ ही रहे

खुला जन्नत का द्वार यूँ ही रहे
माँ का मुझपे दुलार यूँ ही रहे


(चित्र व कविता :: अनुराग शर्मा)

30 comments:

  1. शानदार प्रस्तुति, बधाई ||

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  2. सर, बाकि तो आमीन ...
    पर
    @मेरा दिल बेक़रार यूँ ही रहे

    भाई हम तो चाहते हैं आपके दिल को करार आये...

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  3. बहुत सुन्दर कामना...

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  4. भौगोलिक सीमाओं से परे, विश्‍व मंगल कामना से भरी सुन्‍दर रचना।

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  5. आपकी शुभकामनाओं के लिये बहुत बहुत धन्यवाद जी!

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  6. उधार की खुशी में मज़ा नहीं होता:) बड़ी धारधार कविता ॥

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  7. खुला जन्नत का द्वार यूँ ही रहे
    माँ का मुझपे दुलार यूँ ही रहे

    एक भावना प्रधान अभिगम, और उसकी अभिव्यक्ति

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  8. वो हँसी बार-बार यूँ ही रहे
    ये खुशी बस उधार यूँ ही रहे...

    Awesome !

    Beautifully expressed . Full of emotions !

    .

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  9. खुला जन्नत का द्वार यूँ ही रहे
    माँ का मुझपे दुलार यूँ ही रहे

    बहुत ही सुंदर बात कही, बेहतरीन.

    रामराम.

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  10. ये क्या!!!!!!!!!!!!!!!!
    बनी रहे और यूं ही रहे आपके मिज़ाज की तासीर भी यूं ही रहे!!

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  11. आपकी कामना पूर्ण हो, जबरजस्त कविता।

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  12. तुकबंदी को ललचाती कविता ..ये जहाँ गुलजार यूं ही रहे ...

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  13. खुला जन्नत का द्वार यूँ ही रहे
    माँ का मुझपे दुलार यूँ ही रहे
    बहुत सुन्दर। हर पँक्ति दिल को छूती हुये। शुभकामनाये।

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  14. बहुत सुन्दर कविता व सुन्दर कामना...

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  15. बेहद सुन्दर अभिव्यक्ति..

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  16. साँसों का ये खुमार यूँ ही रहे
    मेरा दिल बेक़रार यूँ ही रहे ..

    वाह ये तो प्रेम की चरमोत्कर्ष स्थिति है ... यूँ ही बरकरार रहे हमेशा तो क्या बात है ... लाजवाब गज़ल अनुराग जी ...

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  17. Kamana yun hi falibhut hoti rhe...shubhkamana

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  18. खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
    सादर,
    डोरोथी.

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  19. @
    ये जहाँ खुशगवार यूँ ही रहे
    हर खुशी बरक़रार यूँ ही रहे------
    --वाह क्या कहनें हैं,बहुत ही सुंदर.

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  20. यही कामना है हमारी भी अब ये
    चाहना और पाना यूं ही रहे

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  21. ऐसा ही हो..... बहुत सुंदर पंक्तियाँ हैं.....

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  22. खुला जन्नत का द्वार यूँ ही रहे
    माँ का मुझपे दुलार यूँ ही रहे '
    ...........वाह , क्या भाव हैं ! ऐसा ही हो

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  23. बहुत खूबसूरत भावों से रची रचना

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  24. ये ब्लॉग गुलजार यूँ ही रहे....

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  25. खुला जन्नत का द्वार यूँ ही रहे
    माँ का मुझपे दुलार यूँ ही रहे
    बेहद सुंदर ।

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  26. 'खुला जन्नत का द्वार यूँ ही रहे
    माँ का मुझपे दुलार यूँ ही रहे'

    रहे ,हमेशा रहे !

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