कई ब्लॉग्स पर बहुत सी टिप्पणियाँ अभी भी प्रकाशित नहीं हो रही हैं। कृपया अपने ब्लॉगर डैशबोर्ड में जाकर "स्पैम" टैब देखकर वहाँ पड़ी टिप्पणियों को चुनकर "स्पैम नहीं" क्लिक करके रिलीज़ कर दीजिये। समस्या को विस्तार से जानने के लिये "ये क्या हो रहा है भाई?" पढें। धन्यवाद!अभिषेक के ब्लॉग पर चिट्ठी पढकर कुछ पंक्तियाँ प्रस्फुटित हुईं। शायद कविता न कही जा सके, फिर भी सोचा कि साझा कर ही लूँ ...
मैं अकेला नहीं
क्योंकि
मेरे पास है खज़ाना
बीता वक़्त, टूटे वादे
वे अमिट यादें
और इन सब में
समाये तुम
जानता हूँ कि
तुम्हारी भी एक दुनिया है
नितांत अपनी, निजी
मुझसे अलग, मुझसे दूर
फिर भी
दुःख, पीड़ा या खालीपन
दूर-दूर तक नहीं दिखते
मैं भी नहीं
होता है केवल
परमानन्द
जब मेरे तसव्वुर में होते हो
तुम!
(~अनुराग शर्मा)
क्रिस्मस के बड़े दिन की हार्दिक शुभकामनायें!
दर्द भी तुम, दवा भी तुम,
ReplyDeleteघुटन भी तुन, हवा भी तुम।
बढ़िया अतुकांत कविता है अनुराग जी ।
ReplyDeleteसुनहरी यादें दिल को सुकून देती हैं ।
कुछ अधुरा सा पर पूरा सुनने की इच्छा जगाती कविता |
ReplyDeleteयादों का खजाना सबसे अच्छा, हमेशा अपने साथ और कोई छीन भी न सके.
ReplyDeleteयह कविता ही है... बेहद सुन्दर कविता!!!
ReplyDelete'होता है केवल
ReplyDeleteपरमानन्द
जब मेरे तसव्वुर में होते हो
तुम!'
- यही परमानन्द है रिक्तियों का पूरक !
रोमांटिक मूड में हैं सरकार..मेरी क्रिस्मस।
ReplyDeleteक्या बात है ... बस तुम आस पास ही होनी चाहियें ... फिर चाहे तसव्वुर ही क्यों न हो ...
ReplyDeleteक्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएं ..
:)
ReplyDeleteजो है, मीठा सा है।
अभिषेक के ब्लॉग पर प्रेम-गणित था। यहां तो निर्बाध कविता है बन्धु।
ReplyDeleteजो स्पॉण्टेनियस बहे, वह कविता। हमें तो यही बूझता है।
यादों का समा, मनोरम अभिव्यक्ति
ReplyDeleteवाह! बहुत सुन्दर.
ReplyDeleteआपकी सुन्दर कविता से अनुराग हो रहा है,
अनुराग जी.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
वीर हनुमान का बुलावा है.
:)
ReplyDeleteबहुत कुछ कहता है यह छोटा सा स्माइली भी कभी-कभी!! सुन रहे हैं ना, अनुराग जी!!
sundar kavita..
ReplyDeleteयादगार गीत और सुन्दर कविता
ReplyDeleteअनुभूतियों का सम्रेषण सौंदर्य के साथ सुखद है ....सुन्दर
ReplyDeleteअकेले कहां, आज के दिन तो सांटा क्लाज़ भी साथ है:)
ReplyDeleteअकेले कहां, आज के दिन तो सांटा क्लाज़ भी साथ है:)
ReplyDeleteतेरी यादें,
ReplyDeleteनहीं निभाए
तू ने जो वादे
देते हैं राहतें,
कुछ इस तरह
कँपकँपाते सर्द दिनों में,
मुझे लपेटे हुए
गुनगुनी धूप की तरह।
शाश्वत
ReplyDeleteसुंदर यादें वाकई बहुत बड़ा ख़ज़ाना होती हैं
ReplyDeleteअक्सर तन्हाई में सोचा
ReplyDeleteजब तेरे बारे में
खुद पर मुस्कुरा बैठे
तू और तन्हाई
मुमकिन ही नहीं !
साथ रहता है तू
एक साया सा
हर कदम
राह सुनसान
मुमकिन ही नहीं
लिखा था कुछ ऐसा कभी !
"होता है केवल
ReplyDeleteपरमानन्द
जब मेरे तसव्वुर में होते हो
तुम!"
आह! क्या बात है.
यादें बड़ा मीठा सुकून देती हैं
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको
आपकी ये कविता अनमोल है...
ReplyDeleteआपकी वो टिपण्णी अब की मिली सबसे प्यारी और खूबसूरत टिप्पणियों में से एक था..
सुब्रमनियन जी ने कह दिया सो हमने भी मान लिया :)
ReplyDeleteभारतीय नागरिक जी सही कह रहे हैं।
ReplyDeleteपरमानंद !
ReplyDeleteGreat. Yes I Agree. Read My Blog About Steve Jobs, Steve Woz, Tiger Killing, Top 10 Searches, Parker Pen History And Much More. http://bittugandhi.blogspot.com/?spref=gb
ReplyDeleteHave a great day;
Yours Faithfully
Bittu Gandhi
(Researcher, Author, International Record Holder)
जीने कि राह सिर्फ उन्हें मिलती है जिनके पास यह संपदा है !!
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