अनुराग जी, इर्ष्या से भर जाता हूँ जब किसी को छोटे छंद में कविता और छोटे बहर में गज़ल कहते देखता हूँ और रचना इतनी सशक्त हो तो इर्ष्या की तीव्रता और भी प्रबल हो जाती है... काश मैं भी ऐसा ही कुछ कह पाता!!
मॉडरेशन की छन्नी में केवल बुरा इरादा अटकेगा। बाकी सब जस का तस! अपवाद की स्थिति में प्रकाशन से पहले टिप्पणीकार से मंत्रणा करने का यथासम्भव प्रयास अवश्य किया जाएगा।
सुंदर शब्द और भाव का समन्वय !
ReplyDeletethis is fine one , appreciable poem .
ReplyDeleteयह भी अच्छा
ReplyDeleteचिंतन और मनन !
कम शब्दों में कितना कुछ..
ReplyDeleteअनुराग जी, इर्ष्या से भर जाता हूँ जब किसी को छोटे छंद में कविता और छोटे बहर में गज़ल कहते देखता हूँ और रचना इतनी सशक्त हो तो इर्ष्या की तीव्रता और भी प्रबल हो जाती है... काश मैं भी ऐसा ही कुछ कह पाता!!
ReplyDeleteसुंदर,मनोहारी :)
ReplyDeleteचंद पंम्क्तियों मे जीवन का सार। बधाई।
ReplyDeletesundar shabd aur sanyojan sir....
ReplyDeleteसुन्दर भाव -संक्षिप्ति ही सुन्दरता की आत्मा है -पुनः साबित हुआ !
ReplyDeleteशब्द कम ,भाव गहन ,
ReplyDeleteसाथ चले चिंतन क्रम !
जग तेरा
ReplyDeleteतू मेरा बन
कितनी बड़ी बात है और शब्दों में कोई कोलाहल भी नहीं!!!
बहुत खूब!
चंद शब्द में सम्मोहन बाँध देना इसे ही कहते हैं...
ReplyDeleteबहुत बहुत बहुत ही सुन्दर रचना...
इतने कम शब्दों में इतने भाव...वाह ..
ReplyDeleteछोटे- छोटे शब्दों में रचा गीत प्रार्थना सा ही ...
ReplyDeleteवाह !
अच्छी बन पड़ी है.
ReplyDeleteवाह! जो जिसका बनेगा, वह उसका बनेगा।
ReplyDeleteबहुत अच्छा प्रयास है ।
ReplyDeleteसुन्दर भाव और नया प्रयोग ।
सुंदर निर्मल भाव और आवाहन ....
ReplyDeleteआनंद आ गया भाई जी !
शुभकामनायें आपको !
बहुत बहुत सुंदर..... अर्थपूर्ण शब्द संयोजन ....
ReplyDeleteतू लिख, पढूँ मैं
ReplyDeleteहो जाए, मन चन्दन
टना टन!!
ReplyDeleteअद्भुत !! तरंगित भाव !!!
ReplyDeleteoh - lovely - wowww
ReplyDeleteबहुत सघन !!!
ReplyDeleteनहीं आसां है यह करना,
ReplyDeleteहै मुश्किल बड़ा खुद से लड़ना।
आभार।
sundar shabdo se saji hai ye kavita badhiya
ReplyDeleteयानी यह तो वही बात हुई कि ‘देखन में छोटे लगें...ज्यौं नावक के तीर’
ReplyDeleteबढ़िया
जग तेरा
ReplyDeleteतू मेरा बन
वाह .. बहुत खूब. सुन्दर रचना.
www.belovedlife-santosh.blogspot.com
वे थोडे ही शब्द जब करीने से सजते है तो भावनाओं के शिखर बन जाते है।
ReplyDeleteबेहद सुन्दर भाव!!
बहुत खूब ... जग तेरा ... तू मेरा बन ...
ReplyDeleteकुछ शब्दों में दूर की बात ...
बहुत ही सुन्दर
ReplyDeleteमन प्रसन्न हो गया
ReplyDeleteबड़े ही मधुर भाव हैं, थोड़े में सब कुछ कह दिया, वाह वाह !!
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