Saturday, August 13, 2011

हिंदुस्थान हमारा है

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बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' (8 दिसम्बर 1897 :: 29 अप्रैल 1960)

कोटि-कोटि कंठों से निकली आज यही स्वरधारा है
भारतवर्ष हमारा है यह, हिंदुस्थान हमारा है।

जिस दिन सबसे पहले जागे, नव-सृजन के स्वप्न घने
जिस दिन देश-काल के दो-दो, विस्तृत विमल वितान तने
जिस दिन नभ में तारे छिटके जिस दिन सूरज-चांद बने
तब से है यह देश हमारा, यह अभिमान हमारा है।

जबकि घटाओं ने सीखा था, सबसे पहले घिर आना
पहले पहल हवाओं ने जब, सीखा था कुछ हहराना
जबकि जलधि सब सीख रहे थे, सबसे पहले लहराना
उसी अनादि आदि-क्षण से यह, जन्म-स्थान हमारा है।

जिस क्षण से जड़ रजकण, गतिमय होकर जंगम कहलाए
जब विहंसी प्रथमा ऊषा वह, जबकि कमल-दल मुस्काए
जब मिट्टी में चेतन चमका, प्राणों के झोंके आए
है तब से यह देश हमारा, यह मन-प्राण हमारा है।

कोटि-कोटि कंठों से निकली आज यही स्वर-धारा है
भारतवर्ष हमारा है यह, हिंदुस्थान हमारा है।
.-=<>=-.
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BalKrishna Sharma Naveen
8 दिसम्बर 1897 :: 29 अप्रैल 1960

देशभक्त कवि, स्वतंत्रता सेनानी बालकृष्ण शर्मा "नवीन" की यह ओजस्वी रचना मेरे प्राथमिक विद्यालय की प्रार्थना का अंश थी। प्रतिदिन गाते हुए कब मेरे व्यक्तित्व और जीवन का अंश बन गयी पता ही नहीं चला।

जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी

आप सब को स्वतंत्रता दिवस की मंगलकामनायें!
भारत माता की जय! वन्दे मातरम!

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सम्बन्धित कड़ियाँ
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* अमर क्रांतिकारी भगवतीचरण वोहरा
हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोशिएशन का घोषणा पत्र
महान क्रांतिकारी चन्द्रशेखर "आज़ाद"
शहीदों को तो बख्श दो
नेताजी के दर्शन - तोक्यो के मन्दिर में
1857 की मनु - झांसी की रानी लक्ष्मीबाई
* मंगल पाण्डे - यह सूरज अस्त नहीं होगा
* श्रद्धांजलि - खुदीराम बासु
* Pandit Balkrishna Sharma "Navin"
* सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोसिताँ हमारा
* जननी जन्मभूमि स्वर्ग से महान है

35 comments:

  1. सचमुच बालकृष्ण शर्मा "नवीन" की एक ओजस्वी रचना! आभार !
    स्वाधीनता दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं!

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  2. कवि श्री शर्मा को शायद हम सबने पढ़ा है ,पर सही समय पर याद कर उनको सच्चा सम्मान आप ने दिया है ..../
    बहुत -२ आभार आपका मितरा...../

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  3. देश भक्ति से ओतप्रोत रचना .....!

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  4. आजादी के समय तो हिन्दस्तान सबका ही रहा होगा ...
    अलख जगाते रहें , कुछ मुर्दा दिलों और दिमागों में हरकत हो जाए ...
    अच्छा संकलन ...
    आभार !

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  5. बड़ी अच्छी लगती है यह कविता।

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  6. यह गीत हम सबमें जोश भर देता था.
    भारत माता की जय! वन्दे मातरम!

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  7. बहुत ही श्रेष्‍ठ कविता। स्‍वतंत्रता दिवस की बधाई।

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  8. बालकृष्ण शर्मा "नवीन" जी को नमन....

    स्वाधीनता दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं!

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  9. यह कविता हमारे स्कूल में भी गाई जाती थी ,और वहाँ से (शाजापुर ,मध्य-प्रदेश) नवीन जी का निकट संबंध रहा था.
    आज वह सब याद आ गया -आपका आभार !

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  10. देशभक्ति भाव लिए सुंदर रचना पढवाने का आभार

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  11. इस ओजस्वी रचना को याद दिलाने के लिए आभार।
    स्वतंत्रता दिवस की बधाई स्वीकार करें।

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  12. नवीन जी की सुंदर रचना के लिए आभार.

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  13. कहते तो थे जी "हिंदुस्थान हमारा है"

    एक और गीत भी था..
    दूर हटो ए दुनिया वालों...
    हिंदुस्थान हमारा है।

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  14. आप बहुत ही सामयिक, उपयोगी और संग्रहणीय सन्‍दर्भ-सामग्री उपलब्‍ध करा रहे हैं। आपका उपकार है। यह भी आपका उपकार ही है कि इस सबके लिए आप कोई शुल्‍क नहीं ले रहे हैं।
    स्‍वाधीनता दिवस पर हार्दिक अभिनन्‍दन।

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  15. मन समर्पित तन समर्पित और यह जीवन समर्पित ...
    चाहता हूँ देश की धरती तुझे कुछ और भी दूं ...

    बहुत ही कमाल की रचना है नवीन जी की आपके ब्लॉग पर आज ... पता नहीं क्यों ये पंक्तियाँ याद हो आई ...

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  16. अत्यंत ओजस्वी रचना, स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  17. देशभक्ति की उत्कृष्ट रचना। धन्यवाद इसे प्रस्तुत करने के लिये।

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  18. एक और गीत याद आ रहा है... दूर हटॊ ऐ दुनिया वालो, हिंदुस्तान हमारा है॥ शायद आपके पास इसका विडियों भी उपलब्ध हो।

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  19. रगों में देशभक्ति की उर्ज़ा का नवसंचार करती रचना!!
    आभार इस प्रस्तुति के लिए

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  20. सार्थक रचना......

    स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.

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  21. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    स्वतन्त्रता की 65वीं वर्षगाँठ पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!

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  22. बाल कृष्ण शर्मा नवीन जी की रचनाएं और कवि परिचय हमारे इंटरमीडिएट साइंस (१९६१-१९६३ )पाठ्यक्रम का हिस्सा था .हिंदी अनुराग आज भी वैसा ही है .
    यौमे आज़ादी की सालगिरह मुबारक .
    http://veerubhai1947.blogspot.com/

    रविवार, १४ अगस्त २०११
    संविधान जिन्होनें पढ़ा है .....


    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
    Sunday, August 14, 2011
    चिट्ठी आई है ! अन्ना जी की PM के नाम !

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  23. मिश्रा जी की यह कविता मैंने भी अपने स्कुल पाठ्यक्रम में पढ़ी थी ! देश प्रेम की अनूठी रंग है इसमे ! इस कवीता को पढ़वाने के लिए , आभार !

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  24. शुभ कामनाएं और बधाईयाँ ... हम सभी की और से - हम सभी को ...

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  25. शुभ कामनाएं और बधाईयाँ ... हम सभी की और से - हम सभी को ...

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  26. I really liked blog, lovely..Your efforts are appreciable..

    एक छोटी सी शुरुआत चाहिए.
    कुछ बुँदे तो बरसे, गर बरसात चाहिए.
    - - http://goo.gl/iJEI5

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  27. बहुत सुंदर हमें अपने देश पर अभिमान है और रहेगा ....
    शुभकामनायें आपको !

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  28. इस गीत तो प्रभात फेरी में गा कर बड़े हुए हैं.. अब तो स्वत्नत्रता दिवस के दिन बच्चो की छुट्टियाँ होती हैं.. स्वत्नत्रता दिवस की शुभकामना...

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  29. बचपन का यह गीत हठात स्मरण हो आया!!

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  30. मैंने भी पढ़ी थी ये कविता, बहुत अच्छा लगा फिर पढ़कर।

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  31. सचमुच बालकृष्ण शर्मा "नवीन" की एक ओजस्वी रचना बहुत सुन्दर....

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  32. कोटि-कोटि कंठों से निकली आज यही स्वर-धारा है
    भारतवर्ष हमारा है यह, हिंदुस्थान हमारा है।
    बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' जी कविता पढ़वाने के लिए आपका विशेष आभार। मेरे पोस्ट पर आप आमंत्रित हैं। धन्यवाद।

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  33. क्या गजब की रचना पढ़वाए आज आपने ... पढके मन प्रफुल्ल हो गया !

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  34. छुटपन में इस कविता को ओजस्वी स्वर में बोलकर खूब प्रोत्साहन पाया है मैंने अध्यापकों से ! हाथ उठाकर सिर झुमाते इसे कहना अद्भुत अनुभव है । नवीन जी की इस रचना की प्रस्तुति का आभार ।

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