Showing posts with label शेर. Show all posts
Showing posts with label शेर. Show all posts

Thursday, July 3, 2014

आस्तीन का दोस्ताना - कविता


फूल के बदले चली खूब दुनाली यारों, 
बात बढ़ती ही गई जितनी संभाली यारों

दूध नागों को यहाँ मुफ्त मिला करता है, 
पीती है मीरा यहाँ विष की पियाली यारों

बीन हम सब ने वहाँ खूब बजा डाली थी, 
भैंस वो करती रही जम के जुगाली यारों 

दिल शहंशाह था अपना ये भुलावा ही रहा, 
जेब सदियों से रही अपनी तो खाली यारों

ज़िंदगी साँपों की आसान करी है हमने, 
दोस्ती अपनी ही आस्तीन में पाली यारों

Saturday, January 17, 2009

कुछ शेर और

पिछली पोस्ट में पाण्डेय जी ने उत्सुकता व्यक्त की थी कि शून्य से नीचे के तापक्रम पर रेल चलती है। बात तो सही है। रेल खूब चल रही है। और हाँ, डिग्री सेंटीग्रेड में इस समय पिट्सबर्ग का तापमान शून्य से १९ अंश नीचे है। आज दिन में थोडा सा पैदल चलना पडा। ज़रा देर के लिए हाथ दस्ताने से बाहर निकाला तो लगा कि कुछ देर अगर बाहर रहा तो शायद कट कर गिर ही जायेगा। मगर ट्रेन तो चल रही है. ज़िक्र आया है तो बताता चलूँ कि पिट्सबर्ग की स्थानीय ट्राम सेवा को टी (T) कहते हैं। बाद में कभी विस्तार से सचित्र जानकारी दूंगा।

पिछली बार आपने मेरे "चंद अश'आर" पसंद किए, इसका आभारी हूँ। आपकी हौसला-अफजाई का फायदा उठाते हुए कुछ और शेर प्रस्तुत कर रहा हूँ, आशा है आपको पसंद आयेंगे।

जब भी मिलते हैं, नए ज़ख्म दिए जाते हैं,
उसपे शिकवा ये कि हम दूर हुए जाते हैं।
-x-X-x-

बरबाद ही होंगे मेरे जज़्बात,
यहाँ नहीं ठहरी कुछ सुनने की बात।
-x-X-x-

कितना ढूँढा पर हाथ न आया, प्यार का एक मिसरा भी
कहने को उनके ख़त में, बहुत कुछ लिखा था।
-x-X-x-

शहर सुनसान सही, राह वीरान सही,
रात लम्बी ही सही, सहर तो होनी ही है।
-x-X-x-

Wednesday, January 14, 2009

चंद अशआर

संजो के रखो इसे, हाथ से न जाने दो
बात निकलेगी तो बेकार चली जायेगी।
-x-X-x-

जब कभी लोग बुरे वक़्त से गुज़रते हैं
गैर बच जाते हैं अपने ही बुरे बनते हैं।
-x-X-x-

छोड़ फूलों को परे काँटे जो उठाते हैं
ज़ख्म और दर्द ही हिस्से में उनके आते हैं ।
-x-X-x-

सर भी भारी नहीं ये दम भी आज घुटता नहीं,
बाद मुद्दत के मेरे अश्क बाँध तोड़ चले।
-x-X-x-

[अनुराग शर्मा]

[यह पोस्ट लिखते समय पिट्सबर्ग का तापमान शून्य से 13 डिग्री सेल्सियस नीचे है। और आज रात में (भारत में शुक्रवार की सुबह) यह शून्य से 20 अंश नीचे जाने वाला है ]