Tuesday, December 23, 2008
मेरी खिड़की से [इस्पात नगरी १]
हमारे नीरज गोस्वामी जी को तो आप सब जानते ही हैं और उनकी कविताओं/गज़लों का आनंद उठाते ही होंगे। उन्होंने एक बार पिट्सबर्ग के बारे में लिखने का अनुरोध किया था। मैंने सोचा भी था मगर किसी न किसी बहाने से बात टलती गयी। मगर आज सोचा कि शुरूआत करता चलूँ। नीरज जी पिट्सबर्ग आ चुके हैं ऐसा उनकी एक और टिप्पणी से आभास हुआ था। उनका काम इस्पात से जुडा हुआ है इसलिए इसकी काफी संभावना है।
पिट्सबर्ग तो कोयला, इस्पात और ऐलुमिनम आदि का ही नगर हुआ करता था। एक ज़माने में यू एस स्टील का बड़ा नाम था। शहर की सबसे ऊंची इमारत का स्वामित्व यू एस स्टील का ही था। इस इमारत का स्वामित्व तो अब बदल गया है मगर उसका नाम आज भी यू एस स्टील टावर ही है और आज यू एस स्टील उसका सबसे बड़ा किरायेदार है। दूसरा सबसे बड़ा किरायेदार है यूपीएम्सी (UPMC) जो कि संयोगवश मेरा रोजगारदाता है। पिछले एक साल से मैं इसी इमारत में काम करता हूँ। दूर से यह इमारत एक भूरा-काला सा इस्पात का ढांचा नज़र आती है। मगर यह इस्पात इमारत की सरंचना का हिस्सा नहीं है। कौर-स्टील नाम का यह मिश्रधातु इमारत के चारों ओर सिर्फ़ प्रचार के लिए खडा किया गया था क्योंकि यह बर्फ-पानी से ख़राब न होने वाला यू एस स्टील का एक नया उत्पाद था।
आईये कुछ ताजे चित्रों की सहायता से देखें आजकल यह इमारत कैसी दिखती है और सत्तावनवीं मंजिल पर स्थित मेरे दफ्तर की खिड़की से नगर का दृश्य कैसा लगता है:
बर्फ से ढंका हुआ पिट्सबर्ग नगर दोपहर में एक और खिड़की से
मेरी खिड़की से भोर का दृश्य
मेरी खिड़की से सायंकाल का दृश्य
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इस्पात नगरी से - अन्य कड़ियाँ
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मेरी खिड़की से भोर का दृश्य, वाह जैसे जन्नत का द्रश्य है बहुत मनभावन , और पिट्सबर्ग के बारे में पढ़ कर बहुत ही अच्छा लगा जानकारी के लिए आभार
ReplyDeleteRegards
पिट्सबर्ग के बारे में जानकारी मिली। पर चित्र में नगर के बीच से नदी बहती दिखाई दे रही है। यह नहर तो नहीं। दोनों और घनी बस्ती और उद्योग हैं। क्या इन का गंदा पानी नगर में नहीं जाता? जाता है तो नदी का क्या हाल है? और नहीं जाता तो क्या व्यवस्थाएँ हैं उसे रोकने की? कुछ बता सकेंगे?
ReplyDeleteअच्छा लगा सब पढकर . भाई हम तो अभी इतना ऊपर चढे नहीं कभी . सौ मीटर तक गए हैं बस .
ReplyDeleteआपने पिटस्बर्ग के बारे मे बहुत बढिया जानकारी दी ! आपके साथ हुये अनुराग के साथ साथ हमे तो पितस्बर्ग और पितस्बर्गिया दोनो से मुहब्बत है ! बहुत अच्छा लगा ! धन्यवाद !
ReplyDeleteरामराम !
बहुत सुंदर तस्वीरें और खिड़की से भोर वाली तो अदभुत
ReplyDeleteपहले शुक्रिया नीरज जी फ़िर आपका .....ये खिड़की अक्सर खुली रखियेगा !
ReplyDeletejaankari achchi lagi, baaki dinesh ji ke sandehon ka nirakaran awashya karen.
ReplyDeleteachchi jaankari di, dinesh ji ke sandehon ka nirakaran awashya karen.
ReplyDeleteअच्छी पोस्ट। कभी जमशेदपुर के चित्रों से तुलना करना चाहूंगा।
ReplyDeleteअपने परिवेश के बारे में और लिखियेगा।
अरे वाह मजा आ गया।
ReplyDeleteवाह ! बड़ा अच्छा लगा फोटोग्राफ देखकर और लिखा पढ़कर.
ReplyDeleteलेकिन एक बात दिमाग में आई.......ये भोर की जो तस्वीर आपने दिखाई,उसे खींचने के लिए आप भोर में ऑफिस गए थे या काम करते करते भोर हो जाती है ????????
रोचक जानकारी, शुक्रिया।
ReplyDeleteपिट्सबर्ग की जानकारी की लिए शुक्रिया, अच्छी जानकारी मिली इस्पात की एक नगरी की
ReplyDeleteआपकी द्वारा ली गयीं फोटो भी मनमोहक हैं,
sare phtographs bahut sundar.......aur saath hi ek jaankari mili
ReplyDeleteजितनी जानकरी दी है और फोटो दिए हैं वह बहुत ही दिल को मोह लेने वाले हैं ..कुछ और बताइए वहां के बारे में ..विस्तार से कुछ और .बहुत कुछ जानने की इच्छा है ..लोग संस्कृति आदि सब ..
ReplyDeleteअनुराग भाई ,
ReplyDeleteआपके लिए चित्र मनोरम हैं
(जो बाहर की ठण्ड का अहसास नहीं कराते :)
- और वहाँ ३ नदियाँ मिलती हैं ऐसा मुझे याद है
विस्तार से बताएं ..
जारी रखिये पिट्स`बर्ग के बारे में विस्तृत लेखन
स्नेह -
लावण्या
बहुत सुंदर लगा आप का नगर, चित्र भी बहुत सुन्दर, साथ मै सुंदर विवरण, धन्यवाद
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