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हमसे झगड़ा तो इक बहाना था
आ चुका जितना उसको आना था
वो तो कब से तैयार बैठा था
गोया बेकार सब मनाना था
घर की ईंटें भी ले गया संग में
सिर्फ़ फुटपाथ पर ठिकाना था
जेब सदियों से अपनी खाली थी
मेरा क्या था जो अब गंवाना था
हम थे नाज़ुक मिज़ाज़ पहले से
उसके बस का कहाँ रुलाना था।
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वाह ! अप्रतिम अभिवयक्ति !
ReplyDeleteहम थे नाज़ुक मिजाज़ पहले से
ReplyDeleteउसके बस का कहाँ रुलाना था।
बहुत मार्मिक भावनाएं व्यक्त की गई हैं ? लाजवाब !
राम राम !
अंतिम शेर तो गज़ब कर रहा है बधाई !
ReplyDeleteवो तो कब से तैयार बैठा था
ReplyDeleteगोया बेकार सब मनाना था!
वाह!यह भी खूब रही!
सभी शेर अच्छे लगे.
सुंदर रचना.
जेब सदियों से मेरी खाली थी
ReplyDeleteमेरा क्या था जो अब गंवाना था
कबीर के आसपास पहुंख्चती हैं ये पंक्तियां । सुन्दर ।
सारे शेर दहाड़ रहे हैं
ReplyDeleteदुख तो इसी बात का है कि 'स्मार्ट' होने के बावजूद हमारा ठगा जाना है।
ReplyDeleteबहुत ही प्यारी है... मैं नाजुक मिजाज़ का ये तो बहुत ही सुंदर है......
ReplyDeleteदिल को भाती है आपकी ये रचना.....
अक्षय-मन
अनुराग जी बहुत ही शानदार रचना है ,ये शेर खासकर पसंद आया :
ReplyDeleteघर की ईंटें भी ले गया संग में
सिर्फ़ फुटपाथ पर ठिकाना था
कौन था वह मित्र?! जो घर की ईंटें भी ले गया।
ReplyDeleteहम थे नाज़ुक मिजाज़ पहले से
ReplyDeleteउसके बस का कहाँ रुलाना था।
क्या बात है, बहुत सुंदर.
धन्यवाद
खोने को नहीं कुछ भी
ReplyDeleteपाने को जमाना है।
वो तो कब से तैयार बैठा था
ReplyDeleteगोया बेकार सब मनाना था
घर की ईंटें भी ले गया संग में
सिर्फ़ फुटपाथ पर ठिकाना था
अनुराग जी
बहुत ही अच्छी ग़ज़ल,
यथार्थ की बहुत करीब
आपकी शाएरी का इंतज़ार रहता है
मन को छू गए !!!!!
ReplyDeleteप्राइमरी का मास्टर का पीछा करें
bahut acchhey anuraag ji...bahut bahut badhiyaa...
ReplyDeleteजेब सदियों से मेरी खाली थी
ReplyDeleteमेरा क्या था जो अब गंवाना था
हम थे नाज़ुक मिजाज़ पहले से
उसके बस का कहाँ रुलाना था।
बहुत सुंदर गजल। बधाई।
बहुत सुंदर है।
ReplyDeleteबहोत खूब लिखा है आपने ढेरो बधाई कुबूल करें ....
ReplyDeleteअर्श
वाह ! बहुत बढ़िया.....कमाल के शेर ......लाजवाब ग़ज़ल.
ReplyDeleteजेब सदियों से मेरी खाली थी
ReplyDeleteमेरा क्या था जो अब गंवाना था
हम थे नाज़ुक मिजाज़ पहले से
उसके बस का कहाँ रुलाना था।
ये चार लाइन लाजबाब बन पड़ी है, यू ही अच्छा लिखते रहें |
waah !!
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