Wednesday, December 31, 2008

नव वर्ष का संकल्प

मित्रों,
बातों ही बातों में पुराना साल कब निकल गया, पता ही न चला। देखते-देखते हम नव-वर्ष की पूर्व संध्या पर आ पहुँचे हैं. २००८ में मैंने एक कविता लिखी थी "कितना खोया कितना पाया।" दुहराव के डर से उसे यहाँ फ़िर से पोस्ट नहीं करूंगा। परन्तु उत्सुक जन कविता के शीर्षक पर क्लिक कर के उसे पढ़ सकते हैं।

गत वर्ष में बहुत कुछ हुआ - हमने कोसी की विनाशलीला भी देखी और पाकिस्तान से आए हैवानी आतंकवादियों की २६ नवम्बर की कारगुजारी भी, कश्मीर में आतंकवादियों की धमकियों और बयानबाजी का मुँहतोड़ जवाब देते हुए लोगों का शांतिपूर्ण मतदान भी देखा और चंद्रयान का सफल प्रक्षेपण भी। और भी बहुत कुछ दिया है इस साल ने। मैं बूढा तो भूल जाता हूँ, आप तो युवा हैं सब याद रखते हैं।

नए साल की पूर्व-संध्या पर कुछ संकल्प लेने की परम्परा सी बन गयी है। पहले तो मुझे यह बात समझ में नहीं आती थी लेकिन अब कुछ-कुछ समझने लगा हूँ। यदि संकल्प लेना ही है तो खुश रहने और अपने को बेहतर बनाने का संकल्प लेना पसंद करूंगा। २००८ में हिन्दी ब्लोगिंग शुरू की और बहुत से नए मित्रों से मिला जिनके साथ और कृपा से मेरा विकास ही होना है। क्या पता मेरा २००८ का ब्लॉग लिखना २००९ में पुस्तक लेखन में ही बदल जाए।

जिन लोगों ने कभी नए साल का संकल्प नहीं लिया या फ़िर कोई नई तरह का संकल्प लेना चाहते हैं, उनके लिए अपने अनुभव से निचोड कर कुछ सुझाव रखना चाहता हूँ।

कुछ ऐसा करिए जिससे आप में और समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन आए। कोई भी उम्र कम नहीं होती है। झांसी की रानी हों या भगत सिंह, उन्हें जीवन में इतने बड़े काम करने के लिए ३० साल का भी नहीं होना पडा था। जिन तांतिया टोपे के नाम से दुनिया का सबसे बड़ा साम्राज्य काँप रहा था। माना जाता है कि उन्हें दो बार फांसी दी गयी थी। अपने बलिदान के समय वे १८५७ के संग्राम के युवा नायकों में सबसे बड़े थे - ३९ वर्ष के।

कोई भी पद कम नहीं है, कोई भी काम छोटा नहीं है। अंग्रेजी फौज में एक मामूली सिपाही के पद पर काम करने वाले मंगल पांडे ने चर्बी वाले कारतूस को अपने दाँत से छूने नहीं दिया। बन्दा शहीद हो गया मगर उसकी फाँसी के साथ ही मुगलों, मराठों को हराने वाली "ईस्ट इंडिया कंपनी" का कभी न डूबने वाला सूरज हमेशा के लिए डूब गया।

सतही तौर पर ऐसा लगता है कि लेना आसान है मगर देना उससे भी आसान है। अगर सत्कार्य में देने को पैसा नहीं है तो समय दीजिये। और कोई दान नहीं तो रक्त-दान कीजिये। २००८ में हमारे एक बुजुर्ग का देहांत हुआ, उन्होंने अपनी आँखें दान कीं जिससे दो बच्चों को रोशनी मिली।

हम अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें। हो सके तो तैराकी या घुड़सवारी सीखें। जिम नहीं जा सकते तो घर में योगासन शुरू करें। इस साल के वृक्षारोपण में लगाए किसी सूख रहे पौधे को पानी देकर जमने लायक बना दें। बहुत दिनों से खोये हुए किसी पुराने मित्र को अचानक मिलकर आश्चर्यचकित कर दें, किसी चाय वाले छोटू को शतरंज खेलना सिखायेे या काम-वाली बाई के बेटे-बेटी की एक साल की कापी-किताबों का इंतजाम कर दें। जिस दिन भी शुरू करेंगे, आपको पता लगेगा कि एक छोटी सी शुरूआत से ही बड़े बड़े काम होते हैं:
बात तो आपकी सही है यह थोड़ा करने से सब नहीं होता
फिर भी इतना तो मैं कहूंगा ही कुछ न करने से कुछ नहीं होता


लिखने को बहुत कुछ है मगर बातें तो होती ही रहेंगी, कहीं भूल न जाऊँ इसलिए आज बस इतना ही कहता हूँ:
आपको, आपके परिवारजनों और मित्रों को नव-वर्ष की शुभकामनाएं!

22 comments:

  1. आपकी इच्छा इस वर्ष में पूरी हो.

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  2. सच कह दिया जी। साथ ही आप और आपके परिवार को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।

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  3. नव वर्ष मंगलमय हो जी!

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  4. कुछ ही पलों में आने वाला नया साल आप सभी के लिए
    सुखदायक
    धनवर्धक
    स्‍वास्‍थ्‍वर्धक
    मंगलमय
    और प्रगतिशील हो

    यही हमारी भगवान से प्रार्थना है

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  5. कुछ ही पलों में आने वाला नया साल आप सभी के लिए
    सुखदायक
    धनवर्धक
    स्‍वास्‍थ्‍वर्धक
    मंगलमय
    और प्रगतिशील हो

    यही हमारी भगवान से प्रार्थना है

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  6. बहुत खूब कहा नव वर्ष की संध्या में.
    कहीं न कहीं, कभी न कभी तो शुरुआत करनी ही होती है,
    तो अभी से क्यूँ नही

    आप सब को नव वर्ष की शुभ -कामनाएं

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  7. आपको भी नववर्ष की शुभकामनाऐं

    रंजन
    http://aadityaranjan.blogspot.com

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  8. आपको भी नववर्ष की शुभकामनाऐं

    रंजन
    http://aadityaranjan.blogspot.com

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  9. नव वर्ष की पुर्व सन्ध्या पर आपकी यह पोस्ट मेरे लिहाज से आज की सबसे उत्तम पोस्ट है ! इस समय भारत मे रात के ९ बज चुके हैं और सिर्फ़ तीन घन्टे शेष हैं नया साल आने मे !

    घर परिवार, नजदीकी मित्रों के साथ घर मे ही उपर छत पर एक छोटी सी पार्टी का आयोजन है ! अब सिस्टम बंद करके उपर जा ही रहे थे कि आपकी पोस्ट पर नजर पड गई ! और ये बहुत शानदार और विचार्णीय लेख है सामयिकता की दृष्टि से ! आपके सुझावो का यथेष्ट पालन करने की कोशीश करेंगे !

    आपके इन सुझावों के लिये आपका धन्यवाद ! और नये साल की आपको परिवार सहित घणी रामराम !

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  10. नव वर्ष की आप और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं !!!नया साल आप सब के जीवन मै खुब खुशियां ले कर आये,ओर पुरे विश्चव मै शातिं ले कर आये.
    धन्यवाद

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  11. आप को सपरिवार नव वर्ष की मंगलकामनाएँ।

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  12. हिन्दी ब्लोग जगत से जुडे सभी को ढेरोँ शुभकामना
    आगामी वर्ष सुख शाँति दे
    २००९ अब आया ही समझिये :)
    और आपकी बातेँ सच्ची और अच्छी हैँ
    स स्नेह,
    - लावण्या

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  13. नववर्ष की शुभकामनायें आपको और आपके परिवार को। आपके पिट्सबर्ग के पास से ही (ग्रोव सिटी) हो आये हम ४ दिन पहले, इन को आपके पिट्सबर्ग-लेखन के बारे में बताया, ठहरने और देखने की इच्छा हुई, पर बाक़ी रह गया। अगली बार...

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  14. बहुत सार गर्भित लेख...वाह...
    आप को भी नव वर्ष की शुभ कामनाएं
    नीरज

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  15. नव वर्ष २००९ आपको मंगलमय हो आपका साहित्य सृजन खूब पल्लिवित हो
    शुभ कामनाएं
    प्रदीप मनोरिया
    09425132060

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  16. अच्छा संदेश है, हमारी एक छोटी सी कोशिश किसी की ज़िंदगी बदल सकती है और किताब तो आप ले ही आएं।

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  17. आपको भी नववर्ष की शुभकामनाऐं

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  18. नववर्ष की आपको एवं आपके समस्त परिवार को मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनाऎं.
    पहने सपनों की विजय माल
    हो बहुत मुबारक नया साल

    नए साल की नई किरन
    सब गान मधुर पावन सुमिरन

    सब नृत्य सजे सुर और ताल
    हो बहुत मुबारक नया साल

    फिर से उम्मीद के नए रंग
    भर लाएँ मन में नित उमंग

    खुशियाँ ही खुशियाँ बेमिसाल
    हो बहुत मुबारक नया साल

    उपहार पुष्प मादक गुलाब
    मीठी सुगंध उत्सव शबाब

    शुभ गीत नृत्य और मधुर ताल
    हो बहुत मुबारक नया साल

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  19. अत्यंत गम्भीर एवं सारगर्भित लेख है सर आपका. क्या कहना ! अति विचारणीय.

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  20. nav varsh par aapko bhi mamari (including 'mullu') taraf se shubhkaamnaye!!

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  21. सुंदर कामना और सार्थक पोस्ट........ ईश्वर करें ,आपका यह संकल्प सबका संकल्प बने.जीवन सुंदर बने,लोग सुखी रहें.

    आपको परिवार सहित नव वर्ष की अनंत शुभकामनाएं !

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  22. 'नश्वर सृष्टि नष्ट हुई तो
    नूतन जग निर्माण करें हम

    गुजरी बातें छोडो अब तो
    उठने का सामान करें हम।'

    आपकी पिछले साल की पोस्ट अब पढ़ी. सुंदर रचना है. साधुवाद.

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