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आपके सहयोग से एक छोटा सा प्रयास कर रहा हूँ, नायकत्व को पहचानने का। पाँच कड़ियाँ हो चुकी हैं, पर बात अभी रहती है। भाग 1; भाग 2; भाग 3; भाग 4; भाग 5; ... और अब आगे:
अपनी चार और छह वर्षीया बेटियों के साथ न्यूयॉर्क नगर के एक मेट्रो स्टेशन पर खड़ा अधेड़ व्यक्ति जब निकट आती ट्रेन के आगे कुछ फ़ुट भर की दूरी से कूद गया तो लोगों के विस्मय का ठिकाना न रहा। पाँच डब्बे उसके ऊपर से गुज़र जाने के बाद ट्रेन रुकी तो लोगों ने उसकी आवाज़ सुनी, "मेरी बेटियों को बता दीजिये कि हम ठीक हैं।"
बिजली काट दी गयी और रक्षाकर्मी नीचे उतर गये। ट्रेन से चोट खाने में कुछ सेंटीमीटर ही बचे श्री वेज़्ली ऑट्री (Wesley Autrey) को सुरक्षित निकाल लिया गया। ऐंठन और चक्कर आने से बेहोश होकर ट्रेन के नीचे गिरे बीस वर्षीय युवक कैमरॉन हॉलोपीटर (Cameron Hollopeter) की जान भी बच गयी थी क्योंकि समय रहते एक साहसी नायक अपनी नन्ही बेटियों को पीछे छोड़कर अपनी जान पर खेल गया था। हमारे चहुँ ओर बिखरे अनेक नायकों की तरह वेज़्ली के उदाहरण ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया कि नायकों के लिये अवसरों की कोई कमी नही है।
उस रात अपने काम पर जाने से पहले वह 50 वर्षीय मज़दूर अस्पताल में भर्ती कैमरॉन से मिला और पत्रकारों के हुज़ूम के पूछने पर इतना ही बोला, "कोई अनोखी बात नहीं, मैंने केवल अपना कर्तव्यपालन किया है।"
निम्न सारणी में मैंने नायकों के कुछ सर्वमान्य गुण दर्शाने का प्रयास किया है। किसी विशेष क्रम में नहीं हैं। आपके सुझावों व सलाह के अनुसार यथायोग्य सुधार करता रहूँगा। देखिये और अपने विचारों से अवगत कराइये:
हरि अनत हरि कथा अनंता!
ऐसा लगता है मानो नायकों में पवित्रता का अंश कुछ अधिक ही निखरकर आया हो। लिखने का अंत नहीं है परंतु कहीं तो रुकना ही होगा, इसलिये यहाँ इस शृंखला का समापन करता हूँ। भूल-चूक सुधारने के लिये आप पर विश्वास है। ज़रा अपने प्रिय नायक/नायिका का नाम तो बताइये और सम्भव हो तो उसे आदर करने का कारण भी।
[समाप्त]
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सम्बन्धित कड़ियाँ
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* प्रेरणादायक जीवन-चरित्र
* नायक किस मिट्टी से बनते हैं - 1
* नायक किस मिट्टी से बनते हैं - 2
* नायक किस मिट्टी से बनते हैं - 3
* नायक किस मिट्टी से बनते हैं - 4
* नायक किस मिट्टी से बनते हैं - 5
* डॉक्टर रैंडी पौष (Randy Pausch)
* ११ सितम्बर के बहाने ...
आपके सहयोग से एक छोटा सा प्रयास कर रहा हूँ, नायकत्व को पहचानने का। पाँच कड़ियाँ हो चुकी हैं, पर बात अभी रहती है। भाग 1; भाग 2; भाग 3; भाग 4; भाग 5; ... और अब आगे:
न्यूयॉर्क में नेहरु व कास्त्रो; आज कौन कहाँ हैं? |
बिजली काट दी गयी और रक्षाकर्मी नीचे उतर गये। ट्रेन से चोट खाने में कुछ सेंटीमीटर ही बचे श्री वेज़्ली ऑट्री (Wesley Autrey) को सुरक्षित निकाल लिया गया। ऐंठन और चक्कर आने से बेहोश होकर ट्रेन के नीचे गिरे बीस वर्षीय युवक कैमरॉन हॉलोपीटर (Cameron Hollopeter) की जान भी बच गयी थी क्योंकि समय रहते एक साहसी नायक अपनी नन्ही बेटियों को पीछे छोड़कर अपनी जान पर खेल गया था। हमारे चहुँ ओर बिखरे अनेक नायकों की तरह वेज़्ली के उदाहरण ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया कि नायकों के लिये अवसरों की कोई कमी नही है।
उस रात अपने काम पर जाने से पहले वह 50 वर्षीय मज़दूर अस्पताल में भर्ती कैमरॉन से मिला और पत्रकारों के हुज़ूम के पूछने पर इतना ही बोला, "कोई अनोखी बात नहीं, मैंने केवल अपना कर्तव्यपालन किया है।"
निम्न सारणी में मैंने नायकों के कुछ सर्वमान्य गुण दर्शाने का प्रयास किया है। किसी विशेष क्रम में नहीं हैं। आपके सुझावों व सलाह के अनुसार यथायोग्य सुधार करता रहूँगा। देखिये और अपने विचारों से अवगत कराइये:
गुण | कुछ उदाहरण | गुण विस्तार | विलोम |
साहस | प्रत्येक नायक | साहस के बिना नायकत्व ... असम्भव | स्वार्थ, भय, शिथिलता |
व्यक्तिगत स्वतंत्रता | दैवी तंत्र में हर देवता स्वतंत्र है जबकि आसुरी/राक्षसी व्यवस्था में शक्ति का एक दमनकारी केन्द्र | वैचारिक, आर्थिक, व्यक्तिगत, शैक्षणिक आदि हर प्रकार की स्वतंत्रता का सम्मान, असहमति का आदर | तानाशाही, दमन, असहिष्णुता, अनुचित बलप्रयोग; जनजीवन सत्ताधीश के नियंत्रण में |
आंकलन, रणनीति, कार्य-निष्पादन | प्रत्येक नायक | स्थिति का सही आकलन, उसके अनुसार रणनीति का निर्माण और कार्य निष्पादन | हिंसा, बाहुबल, रक्तिम क्रांति, बारूद की पूजा |
धैर्य, सहनशक्ति, संयम | प्रत्येक नायक | जल्दी का काम शैतान का, सहज पके सो मीठा होय | जल्दबाज़ी, अधीरता |
निस्वार्थ भाव, उदारता, परोपकार, जनसेवा | प्रत्येक नायक | इदम् न मम्, सर्वे भवंतु सुखिनः, बहुजन हिताय बहुजन सुखाय | निहित स्वार्थ, लोभ, व्यक्तिगत लाभ की आशा |
विश्वास, श्रद्धा | प्रत्येक नायक | काम तो होगा ही, पहली आहुति कौन दे | शंका, अस्थिर मन, दुविधा |
एकाग्रता | प्रत्येक नायक | असंयतात्मना योगो दुष्प्राप इति मे मतिः । वश्यात्मना तु यतता शक्योऽवाप्तुमुपायतः ॥ | अधूरा मन, चित्त की चंचलता, मोह, लोभ, अंतर्द्वन्द्व |
वीरता | प्रत्येक नायक | परशुराम से लेकर मंगल पाण्डे तक | भय, स्वार्थ, मोह, कायरता, आतंक |
सातत्य | प्रत्येक नायक | गीता के अनुसार "अभ्यास" | कभी हाँ, कभी न, डांवाडोल मन |
निश्चय, दृढता, संकल्प, इच्छाशक्ति, नि:शंकभाव | भगवान राम, गुरु गोविन्द सिंह, शिवाजी, चन्द्रशेखर आज़ाद, भगवतीचरण वोहरा, नेताजी, एब्राहम लिंकन | जनहित में जो ठान लिया वह होके रहेगा, लक्ष्यबेधन की सफलता में कोई शंका नहीं | किस्म-किस्म के प्रारूप, आधा-अधूरा मन, भय से सत्ता/शक्ति/अधिकारी की बात मानना |
शुचिता, पारदर्शिता, सत्य, ईमानदारी | राजा हरिश्चन्द्र, विनोबा भावे, अनेक संत | न झूठ की ज़रूरत न बेनामी सौदे, न विचारधारा के संकीर्ण बिन्दु, न दुराव, न छिपाव, दोस्ती, दुश्मनी सब स्पष्ट, ग्लासनोस्त | छल, सत्ता हथियाने तक विचारधारा के कलुषित पक्ष छिपाकर रखना। ऐसा एजेंडा जिसे छिपाना पड़े |
सृजन, नवीनता | विनोबा, गांधी, भीकाजी कामा, राधानाथ सिकदर, राम चन्द्र शर्मा, बिन्देश्वर पाठक | जयपुर पांव, सुलभ शौचालय, हिमालय त्रिकोणमिति सर्वेक्षण, भूदान और सविनय अवज्ञा जैसे आन्दोलन पुरानी समस्याओं का नूतन हल ढूंढने की लालसा और क्षमता के उदाहरण हैं | लकीर के फ़कीर, मानसिक दिवालियापन, कट्टरपंथ |
ज़िम्मेदारी का भाव, स्वीकारोक्ति | रामप्रसाद बिस्मिल, राणा प्रताप, दलाई लामा | अपने काम की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर, मिशन असफल होने पर ईमानदार स्वीकारोक्ति और कारण-निवारण | आँकलन क्षमता का अभाव, दोषारोपण परिस्थितियों या अन्य पक्ष को; आंगन टेढा |
यज्ञभाव, समन्वयीकरण, लोकतंत्र | जॉर्ज वाशिंगटन, लेख वालेसा, गोर्बाचोफ़, अटल बिहारी वाजपेयी, गांधी, अन्ना हज़ारे, नाना साहेब, नेताजी | मिलजुलकर विमर्श, लक्ष्य-निर्धारण, और उद्देश्य-प्राप्ति, भेद को मिटाकर साम का सम्मान, मतभेद व विविधता का आदर, व्यक्तिवाद का अभाव | तानाशाही, भेद, द्वेष, अलगाववाद, विभाजन, विघटन, फिरकापरस्ती |
निष्ठा, समर्पण | नेताजी, शहीदत्रयी, तात्या टोपे, भरत, हनुमान, लक्ष्मण, विभीषण, मीरा, अजीमुल्ला खां | छोटे उद्देश्यों के मुकाबले विस्तृत उद्देश्यों में निहित होती है, कई बार इसे ग़लती से स्वामिभक्ति समझा जा सकता है। | बहसें, बाधायें, हुज्जत, हीन भावना, कुंठा, स्वामिभक्ति, व्यक्तिवाद, व्यक्तिपूजा |
ज्ञान, जाँच, खोज, ज्ञानपिपासा, बहुमुखी प्रतिभा | एच.एस.आर.ए. के अधिकांश क्रांतिकारी, भगवान राम, भगवान कृष्ण, ल्योंआर्दो दा विंची | नायक जीवनभर सीखते-सिखाते हैं, खुली जानकारी व्यवस्था; सत्ता की नहीं सत्य की खोज | अन्धश्रद्धा, विचारधारा/कल्ट/धर्म/जाति का परचम |
शक्ति, बल, क्षमता | प्रत्येक नायक | सोने का दिल काफ़ी नहीं ... केवल अच्छा ही नहीं, सक्षम भी होना | दौर्बल्य, अक्षमता, प्रमाद |
क्षमा, वात्सल्य, प्रेम, करुणा | बुद्ध, महावीर, प्रभु यीशु, मदर टेरेसा, रामानंद | वसुधैव कुटुम्बकम् | हिन्सा, क्रूरता, अहंकार, स्वाभिमान |
निर्लिप्तता, निरपेक्षता | दुर्गा भाभी, खुदीराम बासु | गीता के अनुसार "वैराग्य" | स्वार्थ, लोभ, अहंकार, पक्षपात |
भावनात्मक परिपक्वता | भारतीय ग्रंथों के अधिकांश नायक, भारतीय स्वतंत्रता सेनानी | जोश नहीं होश से काम करना. भावनाओं से नहीं, विचार-विमर्श-मंत्रणा से कार्य निष्पादन, धीर, गंभीर, छवि से बेफिक्र | प्रपंच, जोश में होश खो बैठना, उकसावे में आ जाना, भड़क जाना, आत्मविश्वास में कमी |
त्याग, बलिदान | मीरा, अरस्तू, यीशु, सीता, गुरु अर्जुन देव, रानी लक्ष्मीबाई, चाफेकर बन्धु आदि | तन मन धन न्योछावर करने को तैयार, कर्मण्येवाधिकारस्ते ... | स्वार्थ, लाभ-हानि का हिसाब, दूसरों से तुलना |
न्यायप्रियता | प्रत्येक नायक | आदिशंकर और मण्डन मिश्र के शास्त्रार्थ में श्रीमती मिश्र का निर्णायक बनना महापुरुषों की न्यायप्रियता का अनूठा उदाहरण है | माइट इज़ राइट; मेरा देश/धर्म/जाति/परिवार/विचार ही श्रेष्ठ; संकीर्णता, क्रूरता, मूर्खता |
मन्यु | प्रत्येक नायक | दधीचि से लेकर भगत सिंह तक | क्रोध, आवेश, असहिष्णुता, अधैर्य, निर्बलता, संकीर्णता, क्रूरता, मूर्खता, अहंकार |
हरि अनत हरि कथा अनंता!
ऐसा लगता है मानो नायकों में पवित्रता का अंश कुछ अधिक ही निखरकर आया हो। लिखने का अंत नहीं है परंतु कहीं तो रुकना ही होगा, इसलिये यहाँ इस शृंखला का समापन करता हूँ। भूल-चूक सुधारने के लिये आप पर विश्वास है। ज़रा अपने प्रिय नायक/नायिका का नाम तो बताइये और सम्भव हो तो उसे आदर करने का कारण भी।
[समाप्त]
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सम्बन्धित कड़ियाँ
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* प्रेरणादायक जीवन-चरित्र
* नायक किस मिट्टी से बनते हैं - 1
* नायक किस मिट्टी से बनते हैं - 2
* नायक किस मिट्टी से बनते हैं - 3
* नायक किस मिट्टी से बनते हैं - 4
* नायक किस मिट्टी से बनते हैं - 5
* डॉक्टर रैंडी पौष (Randy Pausch)
* ११ सितम्बर के बहाने ...