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Thursday, June 19, 2008

अनुराग शर्मा की हिंदी कवितायें

ऊर्ध्वमूलम् अधःशाखम् अश्वत्थं प्राहुरव्ययम्।
छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदवित्॥
 
  1. बदनुमा धब्बे
  2. लेन देन
  3. भय
  4. अहम् ब्रह्मास्मि
  5. उठ दीवार बन
  6. सत्य के टुकड़े
  7. ख्याल अपना अपना
  8. नव वर्ष
  9. भोर का सपना
 10. पतझड़ - कुंडली
 11. माँ
 12. शैशव
 13. इत्मीनान
 14. वक़्त
 15. कुछ और शेर
 16. चंद अशआर
 17. क्या मतलब
 18. मर्म
 19. काश
 20. बहाना
 21. तुम्हारे बगैर
 22. आग मिले
 23. वसंत
 24. ज़माने की बातें
 25. जीवन कैसा है?
 26. साथ तुम्हारा
 27. आलस्य
 28. तुम बिन
 29. सत्यमेव जयते
 30. बिखरा मन
 31. रहने दो
 32. खोया पाया
 33. पतझड़
 34. नहीं होता
 35. टीस
 36. सब तेरा है
 37. तुम्हारे बिना
 38. क्या होगा?
 39. सताती हो
 40. अनजाने लोग
 41. ट्रांसलिटरेशन
 42. गड़बड़झाला
 43. सावन
 44. क्या मतलब?
 45. दंगा
 46. साधारण जन
 47. हाल बुरा है
 48. नानृतम्
 49. व्यावहारिकता
 50. आपकी गज़ल
 51. याद तेरी आयी तो
 52. अक्षर अक्षर
 53. कुसुमाकर कवि
 54. नाउम्मीदी
 55. यूँ ही एक कामना
 56. दीपावली
 57. तू मेरा बन
 58. बेहतर हो
 59. जब से गये तुम
 60. उत्सव की रोशनी
 61. सीमा
 62. अकेला
 63. अंतर्मन
 64. कच्ची दीवार
 65. मैं भी एक कवि बन पाता
 66. खट्टे अंगूर
 67. चक्रव्यूह
 68. इतना भी पास मत आओ
 69. बदले ज़माने देखो
 70. गहरे गह्वर गहराता
 71. प्रेम, न्याय और प्रारब्ध
 72. प्रेम की चुभन
 73. सावन का महीना
 74. दिल यूँ ही पिघलते हैं
 75. भारत बोध
 76. दुखी मन से
 77. वादा
 78. प्रेमिल मन (दिल क्या चाहे)
 79. एक उदास नज़्म
 80. कालचक्र
 81. कहाँ गई?
 82. राजनीतिक व्यंग्य
 83. क्यूँ नहीं?
 84. आस्तीन का दोस्ताना
 85. अपना अपना राग
 86. तल्खी और तकल्लुफ
 87. हम क्या हैं?
 88. सीमित जीवन
 89. अस्फुट मंत्र
 90. कबाड़
 91. 2016 की शुभकामनायें!
 92. मेरा दर्द न जाने कोय
 93. याद के बाद
 94. शिकायत
 95. शाब्दिक हिंसा
 96. ये दुनिया अगर
 97. अनंत से अनंत तक
 98. स्वप्न
99. फ़िरकापरस्त
100. असलियत
101. डर लगता है
102. ग़ज़ल?
103. घोंसले
104. एक नज़र
105. चले गये
106. आदमी (ग़ज़ल)
107. रोशनाई (ग़ज़ल)
108. व्यथा कथा (गीत)
109. संवाद रहे (ग़ज़ल)
110. दोस्त (द्विपदी)
111. सत्य
112. दादी माँ
113. अनुनय
114. मुझे याद है
115. विभाजन (ग़ज़ल)
116. कुआँ और खाई
117. मरेंगे हम किताबों में
118. भूल रहा हूँ
119. पछताना क्या क्या यूँ रोना (ग़ज़ल)
120. घर के वृद्ध
121. मैत्री
122. निर्वाण
123. प्रेम के हैं रूप कितने
124. मुक्ति
125. एकाकी कोना
126. वफ़ा
127. महाकवियों के बीच हम
128. भाव-बेभाव
129. बीती को बिसार के...
130. बेगाने इस शहर में
131. हम अच्छे हैं
132. दुनिया को जताते हैं, पर हमसे छिपाते हैं (ग़ज़ल)
133. खिलाते नहीं (ग़ज़ल)

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(अनुराग शर्मा)

Hindi Poetry by Anurag Sharma