Thursday, June 19, 2008

अ से ज्ञ तक - From A to Z

क्या आप बता सकते हैं कि मराठी के द्नयानेश्वर, पंजाबी के ग्यानी जी, उर्दू के अन्जान, गुजराती के कृतग्नता और संस्कृत के ज्ञानपीठ में क्या समानता है? बोलने में न हो परन्तु लिखने में यह समानता है कि इन सभी शब्दों में संयुक्ताक्षर ज्ञ प्रयोग होता है।

भारतीय लिपियों में संभवतः सर्वाधिक विवादस्पद ध्वनि "ज्ञ" की ही है। काशी तथा दक्षिण भारत में इसकी ध्वनि [ज + न] की संधि जैसी होती है. हिन्दी, पंजाबी में यह [ग् + य] हो जाता है। गुजराती में यह [ग् + न] है और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में [द् + य + न] बन जाता है। खुशकिस्मती से नेपाली भाषा ने इसके मूल स्वरुप को काफी हद तक बचा कर रखा है. संस्कृत में यह [ज्+ न्+अ] है, हालांकि कई बार विभिन्न अंचलों के लोग संस्कृत पढ़ते हुए भी मूल ध्वनि को विस्मृत कर अपनी आंचलिक ध्वनि का ही उच्चारण करते हैं।

ज्ञ युक्त शब्दों की व्युत्पत्ति भी देखें तो भी यह तो स्पष्ट हो ही जाता है कि इसकी प्रथम ध्वनि ज की है न कि द या ग की। उदाहरण के लिए ज्ञान का मूल ज (knowledge) है। इसी प्रकार यज्ञ का मूल यज धातु है।

यदि 'ज्ञान' शब्द का शुद्ध उच्चारण ढूँढा जाय तो यह कुछ कुछ 'ज्नान' जैसा सुनाई देगा। संज्ञा को 'संज्+ ना' पढ़ा  जायेगा, प्रज्ञा 'प्रज्ना' हो जायेगा और विज्ञान 'विज्नान' कहलायेगा। यदि आपने यहाँ तक पढ़ते ही उर्दू के "अन्जान" और संस्कृत के "अज्ञान" (उच्चारण: 'अज्नान') में समानता देख ली है तो कृपया अपने कमेन्ट में इसका उल्लेख अवश्य करें और मेरा नमस्कार भी स्वीकार करें। हिन्दी का ज्ञान सम्बन्धी शब्द समूह यथा जान, अन्जान, जानना आदि भी ज्ञान से ही निकला है। वैसे, मेरा विश्वास है कि अतीत की अंधेरी ऐतिहासिक गलियों में नोलेज (kn-क्न), नो (know), डायग्नोसिस (diagnosis), प्रॉग्नोसिस (prognosis), व नोम (gnome) आदि का सम्बन्ध भी इस ज्ञान से मिल सकता है।

मुझे पता है कि आपमें से बहुत से लोगों को मेरी बात पर यकीन नहीं हो रहा होगा। बचपन से पकड़ी हुई धारणाओं से बाहर आना आसान नहीं होता है। अगली बार जब भी आप ज्ञ लिखा हुआ देखें तो पायेंगे कि मूलतः यह ज ही है जिसके सिरे पर न भी चिपका हुआ है। बेहतर होगा कि एक बार खुद ही ज्ञ को अपने हाथ से लिखकर देखिये।

आपके सुझावों और विचारों का स्वागत है। यदि मेरी कोई बात ग़लत हो तो एक अज्ञानी मित्र समझकर क्षमा करें मगर गलती के बारे में मुझे बताएँ अवश्य। धन्यवाद!
Devanagari letters for Hindi, Nepali, Marathi, Sanskrit etc.


* हिन्दी, देवनागरी भाषा, उच्चारण, लिपि, व्याकरण विमर्श *
अ से ज्ञ तक
लिपियाँ और कमियाँ
उच्चारण ऋ का
लोगो नहीं, लोगों
श और ष का अंतर

अनुराग शर्मा की हिंदी कवितायें

ऊर्ध्वमूलम् अधःशाखम् अश्वत्थं प्राहुरव्ययम्।
छन्दांसि यस्य पर्णानि यस्तं वेद स वेदवित्॥
 
  1. बदनुमा धब्बे
  2. लेन देन
  3. भय
  4. अहम् ब्रह्मास्मि
  5. उठ दीवार बन
  6. सत्य के टुकड़े
  7. ख्याल अपना अपना
  8. नव वर्ष
  9. भोर का सपना
 10. पतझड़ - कुंडली
 11. माँ
 12. शैशव
 13. इत्मीनान
 14. वक़्त
 15. कुछ और शेर
 16. चंद अशआर
 17. क्या मतलब
 18. मर्म
 19. काश
 20. बहाना
 21. तुम्हारे बगैर
 22. आग मिले
 23. वसंत
 24. ज़माने की बातें
 25. जीवन कैसा है?
 26. साथ तुम्हारा
 27. आलस्य
 28. तुम बिन
 29. सत्यमेव जयते
 30. बिखरा मन
 31. रहने दो
 32. खोया पाया
 33. पतझड़
 34. नहीं होता
 35. टीस
 36. सब तेरा है
 37. तुम्हारे बिना
 38. क्या होगा?
 39. सताती हो
 40. अनजाने लोग
 41. ट्रांसलिटरेशन
 42. गड़बड़झाला
 43. सावन
 44. क्या मतलब?
 45. दंगा
 46. साधारण जन
 47. हाल बुरा है
 48. नानृतम्
 49. व्यावहारिकता
 50. आपकी गज़ल
 51. याद तेरी आयी तो
 52. अक्षर अक्षर
 53. कुसुमाकर कवि
 54. नाउम्मीदी
 55. यूँ ही एक कामना
 56. दीपावली
 57. तू मेरा बन
 58. बेहतर हो
 59. जब से गये तुम
 60. उत्सव की रोशनी
 61. सीमा
 62. अकेला
 63. अंतर्मन
 64. कच्ची दीवार
 65. मैं भी एक कवि बन पाता
 66. खट्टे अंगूर
 67. चक्रव्यूह
 68. इतना भी पास मत आओ
 69. बदले ज़माने देखो
 70. गहरे गह्वर गहराता
 71. प्रेम, न्याय और प्रारब्ध
 72. प्रेम की चुभन
 73. सावन का महीना
 74. दिल यूँ ही पिघलते हैं
 75. भारत बोध
 76. दुखी मन से
 77. वादा
 78. प्रेमिल मन (दिल क्या चाहे)
 79. एक उदास नज़्म
 80. कालचक्र
 81. कहाँ गई?
 82. राजनीतिक व्यंग्य
 83. क्यूँ नहीं?
 84. आस्तीन का दोस्ताना
 85. अपना अपना राग
 86. तल्खी और तकल्लुफ
 87. हम क्या हैं?
 88. सीमित जीवन
 89. अस्फुट मंत्र
 90. कबाड़
 91. 2016 की शुभकामनायें!
 92. मेरा दर्द न जाने कोय
 93. याद के बाद
 94. शिकायत
 95. शाब्दिक हिंसा
 96. ये दुनिया अगर
 97. अनंत से अनंत तक
 98. स्वप्न
99. फ़िरकापरस्त
100. असलियत
101. डर लगता है
102. ग़ज़ल?
103. घोंसले
104. एक नज़र
105. चले गये
106. आदमी (ग़ज़ल)
107. रोशनाई (ग़ज़ल)
108. व्यथा कथा (गीत)
109. संवाद रहे (ग़ज़ल)
110. दोस्त (द्विपदी)
111. सत्य
112. दादी माँ
113. अनुनय
114. मुझे याद है
115. विभाजन (ग़ज़ल)
116. कुआँ और खाई
117. मरेंगे हम किताबों में
118. भूल रहा हूँ
119. पछताना क्या क्या यूँ रोना (ग़ज़ल)
120. घर के वृद्ध
121. मैत्री
122. निर्वाण
123. प्रेम के हैं रूप कितने
124. मुक्ति
125. एकाकी कोना
126. वफ़ा
127. महाकवियों के बीच हम
128. भाव-बेभाव
129. बीती को बिसार के...
130. बेगाने इस शहर में
131. हम अच्छे हैं
132. दुनिया को जताते हैं, पर हमसे छिपाते हैं (ग़ज़ल)
133. खिलाते नहीं (ग़ज़ल)

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(अनुराग शर्मा)

Hindi Poetry by Anurag Sharma

कुछ कहानियाँ - अनुराग शर्मा

कहानी कहानी होती है, उसमें लेखक की आत्मकथा ढूँढना ज्यादती है. ~ अनुराग शर्मा
1. वह कौन था
2. खून दो

3. खाली प्याला
4. जावेद मामू
5. सौभाग्य (स्वर: डॉ. मृदुल कीर्ति)

6. एक दिन श्रमिक का
7. कर्मा जी की टुन्न-परेड

8. गरजपाल की चिट्ठी

9. लागले बोलबेन

10. बिच्छू
i)
ii)
11. हत्या की राजनीति

12. गदा का रहस्य
13. जाके कभी न पडी बिवाई (स्वर: अर्चना चावजी)

14. एक और इंसान
15. माय नेम इज खान

16. असीम
24. मैं एक भारतीय

25. नसीब अपना अपना

26. गंजा – लघु कथा

27. गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु... (कैसे कैसे शिक्षक?)

28. अग्नि समर्पण - व्यंग्य

29. आती क्या खंडाला?

30. टोड

31. अनुरागी मन
32. मैजस्टिक मूंछें

33. घर और बाहर

34. डैडी
35. छोटे मियाँ

36. बेमेल विवाह

37. सैय्यद चाभीरमानी और हिंदुत्वा एजेंडा
38. तहलका तहलका तहलका
39. सैय्यद चाभीरमानी और शाहरुख़ खान
40. ओसामा जी से हैलोवीन तलक - सैय्यद चाभीरमानी
41. कोकिला, काक और वो ...
42. एक शाम बार में

49. गन्धहीन
50. भोला

51. हिन्दी बंगाली भाई भाई
52. व्यवस्था
53. यारी है ईमान
54. सच्चे फांसी चढ़दे वेक्खे
55. मुखौटों से वार्ता
56. सुखांत
57. मार्जार मिथक गाथा
58. भविष्यवाणी
59.ईमान की लूट

60.सत्य - सबसे छोटी बोधकथा
61.गुरु - लघुकथा

62.दीपशलाका बालिका - हाँस क्रिश्चियन एंडरसन

63.जोश और होश - बोधकथा
64.खान फ़िनॉमिनन

65.कंजूस मक्खीचूस

66.किनाराकशी - लघुकथा
67.मुफ्तखोर - लघुकथा
68.खिलखिलाहट - लघुकथा
69.पुरानी दोस्ती - लघुकथा
70.ऊँट, पहाड़, हिरण, शेर और शाकाहार
71.सांप्रदायिक सद्भाव - लघुकथा
72.सच या झूठ - लघुकथा
73.बुद्धू - लघुकथा
74.अहिंसा - लघुकथा
82. विदेह

83. बिग क्लाउड 2068

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रेडियो सलाम नमस्ते पर अनुराग शर्मा का साक्षात्कार
Hindi Interview with Anurag Sharma on Radio Salam Namaste




मॉरिशस टीवी पर अनुराग शर्मा का साक्षात्कार
Anurag Sharma's Interview on Mauritius TV

यह भी कैसी विचित्र विडम्बना है कि दूसरों की कहानियाँ रचते समय मुझे सामने वाले को उसकी सम्पूर्णता के साथ अपने में मिलाना पड़ता था और इस हद तक मिलाना पड़ता था कि ‘स्व’ और ‘पर’ के सारे भेद मिटकर दोनों एकलय, एकाकार हो जाते थे। पर अपनी कहानी लिखते समय तो मुझे अपने को अपने से ही काटकर बिल्कुल अलग कर देना पड़ा। यह निहायत ज़रूरी था और इस विधा की अनिवार्यता शर्त, तटस्थता, की माँग भी लिखनेवाली मन्नू और जीनेवाली मन्नू के बीच पर्याप्त फासला बनाकर रख सकूँ। अब इसमें कहाँ तक सफल हो सकी हूँ, इसके निर्णायक तो पाठक ही होंगे...। मुझे तो न इसका दावा है, न दर्प! ~ मन्नू भंडारी (एक कहानी यह भी)
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